तेरह वर्ष की उम्र में यशवर्धन ने लिखा उपन्यास
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : उम्र के जिस पड़ाव में बच्चे अक्सर खेलने-कूदने में मस्त रहते हैं, उस उम्र में यदि कोई बच्चा बड़ा काम कर दिखाए तो उस पर आश्चर्य होना स्वाभाविक है। ऐसा ही कुछ दिल्ली कैंट स्थित माउंट सेंट मैरी स्कूल के छात्र यशवर्धन ने कर दिखाया है। उसने महज 13 वर्ष की उम्र में उपन्यास लिख डाला। उसके उपन्यास का नाम गॉड्स ऑफ अंटािर्क्टका है। इसके साथ ही यशवर्धन का नाम बड़े उपन्यासकारों में शामिल हो गया है।
यशवर्धन की उपलब्धि से न केवल स्कूल के शिक्षक हैरान हैं, बल्कि उसके परिवार व रिश्तेदारों में भी इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है। यशवर्धन ने बताया कि उसमें उपन्यास लिखने की ललक एक स्कूली बच्चे की कहानी को पढ़कर जागी। यह बच्चा अंटािर्क्टक यात्रा के दौरान एक राक्षसी हमले में अपने पूरे परिवार को खो चुका था। यशवर्धन का कहना है कि यह उसका पहला उपन्यास है। इसे लिखने में उसे दो वर्ष का समय लगा। उपन्यास लिखने के लिए वह हैरी पॉटर को अपना आदर्श मानता है। यशवर्धन अभी नौवीं कक्षा का छात्र है।