Move to Jagran APP

डेयरी कॉलोनी की जमीन पर खड़ी हो गई इमारतें

By Edited By: Published: Thu, 24 Jul 2014 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jul 2014 01:01 AM (IST)
डेयरी कॉलोनी की जमीन पर खड़ी हो गई इमारतें

अमित कसाना, नई दिल्ली

loksabha election banner

राजधानी की डेयरी कॉलोनियों में व्यावसायिक व रिहायशी इमारतें खड़ी हो गई हैं। यहां जमीन की कीमत आसमान छू रही है। कुछ हजार गज में आवंटित की गई जमीन की खरीद-फरोख्त कई लाख गज के हिसाब से हो रही है। वर्षो से इन कॉलोनियों में चल रहीं गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए प्रशासन ठोस कार्रवाई भी नहीं कर रहा। हैरत की बात यह है कि डेयरी कॉलोनियों के बारे में नगर निगम के पास कोई रिकार्ड ही उपलब्ध नहीं है।

ऐसे हुआ खुलासा

त्रिलोकपुरी निवासी व पब्लिक प्रोटेक्शन मूवमेंट ऑर्गनाइजेशन के निदेशक जीशान हैदर ने सूचना अधिकार के तहत नगर निगम से जानकारी मांगी थी की घड़ौली डेयरी कॉलोनी में भूखंडों का आवंटन किस उद्देश्य से किया गया? वर्तमान में कितने भूखंडों पर डेयरियां चल रही हैं? कॉलोनी में किस तरह की गतिविधियों की अनुमति है? निगम द्वारा दिए गए जवाब में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। नगर निगम ने वर्ष 2012 के बाद घड़ौली डेयरी का सर्वे ही नहीं कराया। वर्ष 2012 के सर्वे के मुताबिक यहां केवल 161 भूखंड ही ऐसे हैं, जहां डेयरी संचालित की जा रही हैं। 735 भूखंडों का रिहायशी, जबकि 155 भूखंडों का व्यावसायिक इस्मेमाल किया जा रहा है। 311 भूखंडों में रिहायशी व व्यावसायिक दोनों गतिविधियां चल रही हैं।

भूखंडों पर केवल डेयरी ही चल सकती है

डेयरी कॉलोनी में किन लोगों को भूखंड आवंटित किए गए हैं, इसका रिकार्ड निगम के पास नहीं है। निगम यह तो बता रहा है कि अधिकृत डेयरी कॉलोनी में आवंटित भूखंडों पर केवल डेयरी ही चल सकती है। लेकिन, भूखंडों का गैर कानूनी रूप से इस्तेमाल करने वालों पर क्या कार्रवाई की गई निगम के पास इसका जवाब नहीं है।

पशुपालक कर रहे पलायन

नगर निगम ने करीब 30 साल पहले घड़ौली डेयरी फार्म में करीब 1362 भूखंडों का आवंटन पशुपालकों को किया था। धीरे-धीरे यहां व्यावसायिक गतिविधियां होने लगीं और लोगों ने फ्लैट बनाकर बेचना शुरू कर दिया। इस प्रोजेक्ट के बाद नगर निगम ने अधिकृत रूप से डेयरी चलाने के लिए बाहरी दिल्ली में घोघा डेयरी व पश्चिमी दिल्ली में गोयला व मंगली डेयरी कॉलोनी में पशुपालकों को भूखंड आवंटित किए। वर्तमान में घोघा डेयरी कॉलोनी में सुविधाओं के अभाव के चलते पशुपालक पलायन कर रहें हैं। गोयला व मंगली डेयरी कॉलोनी में रिहायशी व व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.