पद कब्जाने को लेकर भाजपा की महिला पार्षदों में जंग
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : नगर निगम उत्तरी के अधीन चलने वाली ऐतिहासिक हरदयाल लाइब्रेरी में सचिव पद पाने के लिए भाजपा की दो महिला पार्षदों में विवाद हो गया है। मामला इस पद पर नियुक्ति को लेकर है। नए वर्ष के लिए नियुक्ति निगम पार्षद व भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की पत्नी शोभा विजेंद्र की की गई है। आरोप है कि शोभा विजेंद्र ने सोमवार को ताला तोड़कर लाइब्रेरी के मुख्यालय पर कब्जा कर लिया। इस पर निवर्तमान सचिव सुरेखा गुप्ता ने एतराज जताया है। उनका कहना है कि वह लाइब्रेरी की सचिव हैं और उन्हें बगैर सूचना दिए लाइब्रेरी का ताला तोड़कर कब्जा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इस मामले की शिकायत पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से की है।
ज्ञात हो कि हरदयाल लाइब्रेरी आजादी से पहले से चल रही है। 2012 में हुए निगम के विभाजन के बाद यह नगर निगम उत्तरी के तहत आ गई है। इस लाइबेरी की कई शाखाएं हैं। मगर इस समय लाइब्रेरी वित्तीय संकट से जूझ रही है। कर्मचारियों को समय पर वेतन तक नहीं मिल रहा है। इस लाइब्रेरी में एक साल के लिए सचिव की नियुक्ति की जाती है।
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कोई विवाद नहीं है। अभी किसी की इस पद पर नियुक्ति नहीं मानी जाएगी। नए महापौर इस पद पर नियुक्ति का फैसला लेंगे।
डा.हर्षवर्धन, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
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हमें लाइब्रेरी के लोगों से पता चला कि शोभा विजेंद्र लाइब्रेरी का ताला तोड़कर सोमवार को कार्यालय में दाखिल हुई और उन्होंने वहां बैठक की। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने इसकी शिकायत पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से की है। क्योंकि चुनाव आचार संहिता के कारण इस समय किसी की नियुक्ति नहीं की जा सकती है।
निवर्तमान सचिव, सुरेखा गुप्ता
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हमने लाइब्रेरी का ताला नहीं तोड़ा है। हमारी नियुक्तिनिगम की प्रक्रिया के तहत हुई है। यह कहना गलत है कि हमने कोई ताला तोड़ा है। निगम की ओर से महापौर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मुझे बुलाया गया था और नियुक्ति की गयी। इसके बाद मैं लाइब्रेरी गई थी। यदि नगर निगम की ओर से मुझे बुलाकर सचिव बनाया गया तो इसमें मैं कहां से दोषी हूं।
शोभा विजेंद्र, वर्तमान सचिव
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नियम के अनुसार ही शोभा विजेंद्र को सचिव बनाया गया है। इसके लिए कमेटी की बैठक हुई है। इसमें सभी सदस्य मौजूद थे। जहां तक चुनाव आचार संहिता की बात है तो शोभा विजेंद्र को सचिव बनाने की प्रक्रिया कुछ माह पहले ही शुरू की जा चुकी थी।
आजाद सिंह, महापौर
नगर निगम, उत्तरी