बंदूक के दम पर रोकी जाएगी बिजली चोरी
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : बिजली चोरी रोकने के लिए सूबे की सरकार के ऊर्जा विभाग को हथियारबंद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के जवान चाहिए। विभाग ने उपराज्यपाल नजीब जंग से ऐसे कम से कम 100 जवानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की है।
उपराज्यपाल जंग द्वारा दिल्ली सचिवालय में बुधवार को बुलाई गई विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने बिजली की चोरी रोकने तथा इसकी चोरी करने वालों के खिलाफ छापेमारी करने के लिए पुलिस अथवा सीआइएसएफ के 100 जवान उपलब्ध कराने की मांग की। यह पहला मौका नहीं है जब शहर में बिजली चोरी को रोकने के लिए सीआइएसएफ को मैदान में उतारने की बात कही गई हो। इससे पहले भी निजी बिजली कंपनियों को बिजली चोरी रोकने के लिए सीआइएसएफ की टुकड़ियां मुहैया कराई गई थीं। इस सरकारी कवायद से बिजली की चोरी पर लगाम लगाने में तो निश्चित रूप से मदद मिली लेकिन निजी बिजली कंपनियों के खिलाफ तरह-तरह की शिकायतें आने के बाद सीआइएसएफ को निजी बिजली कंपनियों की सेवा से हटा लिया गया था।
बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में दिल्ली जल बोर्ड, ऊर्जा विभाग, शिक्षा विभाग, लोक निर्माण विभाग तथा नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग के कामकाज की जानकारी उपराज्यपाल को दी। इस मौके पर जंग ने अधिकारियों से कहा कि गर्मी के महीनों में बिजली-पानी की बेहतर आपूर्ति तथा साफ-सफाई के बेहतर इंतजाम सुनिश्चित किया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड, ऊर्जा विभाग तथा स्थानीय निकायों के अधिकारियों को गर्मियों में बेहतर सेवा उपलब्ध कराने के हरसंभव उपाय करने के निर्देश दिए।
इस मौके पर दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने उपराज्यपाल को बताया कि पेयजल की बेहतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड अपने 121 टैंकरों को बदलेगा। अंबेडकर नगर इलाके में सीवर मिले पेयजल की आपूर्ति व्यवस्था को ठीक करना बोर्ड की प्राथमिकताओं में शमिल है। जंग ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से लगातार बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा गरीबों का खास ख्याल रखने के निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर तमाम जरूरी नंबर आम लोगों को उपलब्ध कराएं ताकि लोगों की समस्याओं का निदान हो सके।
उपराज्यपाल की समीक्षा बैठक में खाद्य आपूर्ति विभाग व शिक्षा विभाग की ओर से प्रेजेंटेशन दी गई। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शहर के सात हजार सरकारी स्कूलों तथा 216 सहायता प्राप्त स्कूलों में करीब 16 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें से 7.2 लाख बच्चों को मिड डे मील परोसा जा रहा है। शिक्षा निदेशक ने कहा कि स्कूलों के लिए ढाई लाख डेस्क की कमी महसूस की जा रही है। उपराज्यपाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे मिड डे मील के बंटवारे में शुद्धता, स्वच्छता तथा गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखें तथा स्कूलों के शौचालयों में साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाए। उपराज्यपाल ने शहर में साफ-सफाई के लिए भी व्यापक अभियान चलाने तथा शहर को साफ रखने के लिए स्थानीय निकाय के अधिकारियों को भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।