सराय रोहिल्ला स्टेशन पर टिकट बिक्री में भारी गड़बड़ी
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली के सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन पर जेटीबीएस (जनसाधारण टिकट बुकिंग सेवा) में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है। इसमें जेटीबीएस ऑपरेटर गलत तरीके से रेलवे काउंटर के टिकट बेचता रहा। गड़बड़ी का खुलासा होने से रेलवे अधिकारी टिकट बेचने के तरीकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। फिलहाल रेलवे सतर्कता विभाग मामले की जांच कर रहा है।
रेलवे टिकट की कालाबाजारी की खबरें तो आती रहती हैं, लेकिन सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन पर अलग तरह का मामला सामने आया है। इसमें एक साल से ज्यादा समय तक एक जेटीबीएस ऑपरेटर रेलवे टिकट काउंटर से मिलने वाले टिकट को बेचने में फर्जीवाड़ा करता रहा और किसी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगी। बाद में एक महिला कर्मचारी की शिकायत पर मामले का खुलासा हुआ। बताया जाता है कि जेटीबीएस ऑपरेटर वर्ष 2013, 13 फरवरी से वर्ष 2014, 25 मार्च तक नौ लाख रुपये से ज्यादा के टिकट बेच चुका था। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि उससे यह राशि बरामद कर उसकी सेवा खत्म कर दी गई है। इस मामले में चीफ बुकिंग सुपरवाइजर को भी निलंबित किया गया था। हालांकि, अब उसका निलंबन खत्म हो गया है।
सूत्रों के अनुसार जेटीबीएस ऑपरेटर ने सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर के कंप्यूटर को नेटवर्किंग केबल की सहायता से अपने कंप्यूटर से लिंक कर लिया और टिकट की बिक्री कर पैसा अपने पास जमा करता गया। इससे विभागीय खाते में टिकट बिक्री के एवज में जमा होने वाला पैसा बकाया रह जाता था। हैरानी की बात यह है कि एक वर्ष से ज्यादा समय तक रेलवे के खाते में टिकट बिक्री के एवज में पैसा जमा नहीं हो रहा था, इसके बावजूद इसकी पड़ताल नहीं की गई।
इस तरह हुआ खुलासा :-
सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन पर तैनात चीफ बुकिंग सुपरवाइजर (सीबीएस) देवेंद्र का पिछले माह यहां से तबादला हो गया था। इसके बाद अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा रही एक महिला कर्मचारी को गड़बड़ी की आशंका हुई तो उसने उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। आशंका व्यक्त की जा रही है कि किसी रेलवे कर्मचारी की मिलीभगत से जेटीबीएस ऑपरेटर ने नेटवर्किंग केबल से अपने कंप्यूटर को लिंक किया होगा।
क्या है जेटीबीएस सुविधा :-
टिकट बुकिंग काउंटर पर यात्रियों की भीड़ कम करने के लिए रेलवे ने जनसाधारण टिकट बुकिंग सेवा शुरू की है। इसमें रेलवे स्टेशन के आसपास रहने वाले किसी व्यक्ति को टिकट काटने का अधिकार दिया गया है। इसके बदले में उसे प्रति टिकट कमीशन दिया जाता है। इस सेवा के तहत टिकट बेचने के लिए जेटीबीएस ऑपरेटर को खास कोड उपलब्ध कराए जाते हैं।
'रेलवे सतर्कता विभाग मामले की जांच कर रहा है। जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह तकनीकी गड़बड़ी थी या जानबूझकर ऐसा किया गया।' - नीरज शर्मा, उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी