पानी के लिए किराएदार जा रहे हैं दक्षिणी दिल्ली पार
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : गर्मी शुरू होते ही दक्षिणी दिल्ली में पीने के पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हुआ तो यहां के अनाधिकृत कालोनियों में रह रहे किराएदार दूसरे क्षेत्र में पलायन करने लगे हैं। यहां के मकानों में रह रहे किराएदारों ने घर खाली करना शुरू कर दिया है। इन किराएदारों का नया ठिकाना पूर्वी दिल्ली के इलाके बन रहे हैं, जहां पानी की समस्या राजधानी के अन्य इलाकों की तुलना में कम है। वहीं मकान मालिक पानी के लिए रात-रात भर जागकर बिता रहे हैं तो इनका कहना है वह भी बीच-बीच में दिल्ली के दूसरे इलाके में रह रहे अपने रिश्तेदारों के पास जाकर कुछ दिन चैन से बिताएंगे।
किराएदारों के घर खाली करने का सीधा असर यहां के निवासियों व किराएदार दोनों की आर्थिक स्थिति पर पड़ा है। क्योंकि यहां की दर्जनों कालोनियों में मकान मालिकों की आमदनी का जरिया ही किराएदारों से प्राप्त पैसा है। वहीं साधारण नौकरी कर अब तक सस्ते मकानों में रह रहे किराएदारों ने पानी के लिए पूर्वी दिल्ली के इलाकों में रहने का साहस तो कर लिया, लेकिन इस इलाके में बढ़ते किराएदारों को देख मकान मालिकों ने भी अपने-अपने कमरों के मासिक किराए में 500-2000 रुपये तक की बढ़ोतरी कर दी है।
दक्षिणी दिल्ली के तुगलकाबाद एक्सटेंशन से 2000 रुपये प्रति महीने का कमरा खाली कर पूर्वी दिल्ली के मंडावली में 2700 रुपये प्रति महीने पर आए अशोक कहते हैं कि वहां पूरी रात जागने के बाद भी पानी आने की गारंटी नहीं है, जिसकी वजह से हमें बोतलबंद पानी खरीदना पड़ता है, जिसका महीने का खर्चा 500-700 रुपये तक पहुंच जाता है। संगम विहार, बदरपुर, सरिता विहार, सौरभ विहार, गुप्ता कालोनी, खानपुर, किशनगढ़, वसंत कुंज, मुनिरका, आरकेपुरम, हौजखास, ग्रेटर कैलाश, कालकाजी वे क्षेत्र हैं जहां बहुतायत में किराएदार रहते हैं।
दिल्ली जलबोर्ड के अधिकारी बताते हैं कि यहां पाइप लाइन में काफी लीकेज हैं, जिसकी वजह से 40 फीसद पानी बर्बाद हो जाता है। इन खराब पाइपलाइनों को ठीक करने का काम भी शुरू किया जाएगा। इस संबंध में दिल्ली जलबोर्ड की प्रवक्ता संजम चीमा कहती हैं कि इलाके में पानी की समस्या दूर करने की हमारी कोशिश लगातार जारी है। हमने कई ट्यूबवेल लगाने के साथ पानी के टैंकरों की संख्या बढ़ाई है, जिससे काफी राहत मिलेगी।