वैट विभाग के नए नियमों ने किया परेशान
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : वैट विभाग ने फरवरी महीने में दिल्ली के कारोबारियों के लिए कुछ नए नियम लागू किए थे, लेकिन इनके लिए अभी तक कारोबारियों की तैयारी पूरी नहीं हो पाई है। नए नियम के अनुसार दिल्ली में बाहर से माल मंगाने के लिए अब कारोबारियों को फॉर्म टी-2 के माध्यम से यह सारी सूचना वैट विभाग को देनी होगी। इस नियम से कारोबारी काफी परेशान हैं। इसमें संशोधन कराने के मकसद से कारोबारी अगले दो तीन दिन में वैट कमिश्नर से मुलाकात करने की तैयारी में हैं।
क्या है नया नियम
फॉर्म टी-2 में कारोबारियों को माल का प्रकार, माल सप्लाइयर, ट्रांसपोर्टर, माल कहां से मंगाया जा रहा है, इस बात की जानकारी वैट विभाग को माल मंगाने से पहले ही उपलब्ध करानी होगी। इस पर कारोबारियों की दलील है कि उन्हें कई बार विभिन्न जगहों से अलग माल मंगाना पड़ता है। माल की लोडिंग व अनलोडिंग भी रात के वक्त होती है। ऐसे में उनके लिए हर बार माल मंगवाने के लिए फॉर्म भरना संभव नहीं होगा।
सात साल के खाते पर सवाल
इसके अलावा विभाग ने दिल्ली के बड़े कारोबारियों के लिए दुकानों में सात साल के खाते रखना भी अनिवार्य बनाया है। हालांकि विभाग ने कारोबारियों को आश्वासन दिया है कि यह नियम बड़े कारोबारियों पर ही लागू किया जाएगा पर छोटे कारोबारियों को यह शक है कि इसकी आड़ में उन्हें वैट विभाग के कर्मचारियों द्वारा परेशान किया जा सकता है। साथ ही खाते न रखने की स्थिति में उनसे रिश्वत आदि की मांग की जा सकती है।
-----------------
दिल्ली के छोटे और मझोले कारोबारी काफी असंगठित तरीके से कारोबार करते हैं। लिहाजा उनको औपचारिकताओं में फंसाने का कोई मतलब नहीं बनता है। वैट विभाग को फॉर्म टी-2 भरने के नियम पर पुनर्विचार करना चाहिए। इस संबंध में वैट विभाग से बातचीत की जाएगी।
-सुशील कुमार गोयल, कारोबारी
-----------------
वैट विभाग ने कारोबारियों को अपनी दुकानों में पिछले सात वर्षो के खाते रखने के लिए कहा है। साथ ही यह भी कहा गया है कि इन खातों की कभी भी जांच की जा सकती है। इस तरह के नियमों से कई बार कारोबारियों को भ्रष्टाचार का शिकार होना पड़ सकता है।
-प्रवीण खंडेलवाल, कारोबारी
--------
फॉर्म टी-2 के माध्यम से अन्य राज्य माल मंगाने की जानकारी देने के नियम को 1 मई से लागू किया जाना है। पर अभी तक कारोबारी इसके लिए कोई तैयारी नहीं कर पाए हैं। ऑर्डर की बुकिंग सामान्य तरीके से ही चल रही है। दिक्कत यह है कि यह प्रक्रिया हर बार माल मंगाने के वक्त की जानी है। लिहाजा विभाग को पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि इससे कारोबारियों का काफी समय बर्बाद होगा। साथ ही इससे कारोबारियों को काफी असुविधा होगी जिसका असर कारोबार पर भी पड़ सकता है।
-देवराज बवेजा, कारोबारी