तीनों नगर निगमों को फिर से एक करने की मांग
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : भाजपा ने एक बार फिर से दिल्ली नगर निगम को तीन भाग में बांटने का विरोध शुरू कर दिया है। इसके नेता इस व्यवस्था की समीक्षा कर फिर से इन्हें मिलाकर एक निगम बनाने की मांग कर रहे हैं। भाजपा ने दो वर्ष पूर्व भी दिल्ली नगर निगम को उत्तरी, दक्षिणी व पूर्वी में बांटे जाने के प्रस्ताव का भी विरोध किया था, लेकिन केंद्र व राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के कारण उसके विरोध को नजरअंदाज कर दिया गया था। अब इसकी समीक्षा के साथ महापौर का कार्यकाल बढ़ाने की भी मांग की जा रही है।
राज्यसभा सदस्य व दिल्ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने बगैर व्यावहारिक पहलुओं पर गौर किए निगम को तीन हिस्से में बांट दिया है। जल्दबाजी में किए गए इस फैसले से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को काम करने में कई तरह की दिक्कत हो रही है। इसलिए इसकी समीक्षा जरूरी है। जिससे कि पता चल सके कि पूर्व सरकार के इस फैसले से आम जनता को फायदा हो रहा है या नुकसान।
उन्होंने कहा कि एक ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे तीनों निगमों में आपसी तालमेल रहे। इसके लिए तीनों निगमों की एक संयुक्त समिति का फौरन गठना होना चाहिए। लेकिन इस पर पूर्व सरकार ने ध्यान नहीं दिया, जिससे आज अव्यवस्था का आलम है।
उनका कहना है कि महापौर का कार्यकाल सिर्फ एक साल का होता है जो कि कुछ ठोस कार्य करने के लिए काफी कम है। इसलिए इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है। जिससे कि महापौर दीर्घकालीन फैसले लेकर उस पर अमल करे। यह दिल्ली के लोगों के हित में होगा।
उनका कहना है कि दिल्ली सरकार द्वारा तीनों निगमों में आयुक्त व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है,लेकिन इनकी नियुक्ति में नगर निगम में सत्तासीन पक्ष की राय नहीं ली जाती है। अधिकारियों को निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से ज्यादा शक्ति दे दी गई है। जिस कारण नौकरशाह अपनी मनमानी कर रहे हैं।