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न करें जिगर से खिलवाड़, जा सकती है जान

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 11:35 PM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 11:35 PM (IST)
न करें जिगर से खिलवाड़, जा सकती है जान

रणविजय सिंह, नई दिल्ली

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अपने जिगर (लिवर) को संभाल कर रखें, लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। यदि आप मोटे हैं और शराब पीने की आदत है तो लिवर आपका साथ छोड़ सकता है। खानपान में मसालेदार व वसा युक्त भोजन तथा शराब के अधिक सेवन से लिवर खराब हो रहा है। लिवर कैंसर के बढ़ते मरीजों को देखते हुए दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले स्वायत्तशासी अस्पताल आइएलबीएस (यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान) लिवर कैंसर की स्क्रीनिंग शुरू कर रहा है।

डॉक्टरों की सलाह है कि मोटापा व मधुमेह से ग्रसित लोगों को अगर लिवर सिरोसिस की परेशानी भी है तो उन्हें इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ऐसे लोग जो शराब पीते हैं और उनमें सिरोसिस के लक्षण हों तो उन्हें भी स्क्रीनिंग कराने की जरूरत है। क्योंकि इन सभी परिस्थितियों में लिवर कैंसर होने का डर रहता है।

संस्थान के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने बताया कि लिवर कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि कैंसर से जितने लोगों की मौत होती हैं, उसमें सबसे अधिक फेफड़ा कैंसर से मरने वाले लोग शामिल हैं। इसके बाद कैंसर से होनी वाली मौतों का दूसरा कारण लिवर कैंसर बन गया है। इसलिए,19 अप्रैल को विश्व कैंसर दिवस पर लिवर कैंसर की स्क्रीनिंग शुरू हो रही है। 25 अप्रैल तक करीब 2,000 लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसका मकसद शुरुआत में ही लिवर पर कैंसर के ट्यूमर का पता लगाना है। ताकि, शुरुआती चरण में ही इलाज शुरू हो सके।

पांच टेस्ट से पता चलेगा कैंसर है या नहीं

स्क्रीनिंग में पांच टेस्ट होंगे। इसमें मरीज का अल्ट्रासाउंड, फिब्रोस्कैन, एचबीएसएजी, एंटी एचसीवी व अल्फा फेटोप्रोटिन के जरिए लिवर कैंसर का पता लगाया जाएगा। अल्फा फेटो प्रोटिन ट्यूमर पता करने का एक मार्कर है।

क्या है लिवर सिरोसिस

-लिवर सिरोसिस में पैरों में सूजन, पेट फूलाना, खून की उल्टी होना और पीलिया की बीमारी होती है।

इनके लिए स्क्रीनिंग है जरूरी

-यदि हेपेटाइसिस बी व सी हो।

-मोटापा व मधुमेह के साथ लिवर सिरोसिस के लक्षण हों।

-शराब सेवन के साथ लिवर सिरोसिस के लक्षण हों।

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कम उम्र में भी खराब हो रहा लिवर

डॉ. सरीन ने बताया कि पिछले साल संस्थान में 60 हजार मरीज लिवर का इलाज कराने पहुंचे। इसमें युवाओं के साथ-साथ बच्चे भी शामिल हैं। देश में हर पांच में से एक व्यक्ति को लिवर की बीमारी है।

जांच कराकर बचा जा सकता है बीमारी से

लिवर में फैट होने से लिवर की बीमारी होती है। जांच कराकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। जांच में यदि एसजीपीएफ एंजाइम के बढ़ने का पता चले तो इलाज कराएं।


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