क्रेडिट व डेबिट कार्ड से जालसाजी का भांडाफोड़, एक गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
कालकाजी थाना पुलिस ने क्रेडिट व डेबिट कार्ड के जरिए दर्जनों लोगों और दस बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने वाले जालसाज अरुण कुमार को गिरफ्तार किया है। अरुण को गिरफ्तार कर पुलिस ने ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का भांडाडाफोड़ किया है। गिरोह के सदस्य इंटरनेट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बैंकों के क्रेडिट व डेबिट कार्डो का डाटा चुराकर उसके आधार पर क्लोन कार्ड तैयार करते थे। फिर फर्जी कागजात पर फर्जी कंपनियां खोल लेते थे, जिनके नाम पर बैंक में खाते खुलवा लेते थे। इन खातों के आधार पर स्वैप मशीन जारी करवा लेते थे। इस मशीन में क्लोन कार्ड स्वैप कर बैंकों को चूना लगाते थे। अरुण कुमार उत्तर प्रदेश के कन्नौज का रहने वाला है। वह दिल्ली में मयूर विहार फेज-3 स्थित न्यू कोंडली में रहता था। वह कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातक है।
अरुण को गिरफ्तार करते ही गिरोह के अन्य सदस्य भूमिगत हो गए हैं। पुलिस फरार चल रहे जितेंद्र, विकास, संजीव व यासीन की तलाश कर रही है। अरुण के गोविंदपुरी स्थित ऑफिस से पुलिस ने सात स्वैप मशीन, अलग-अलग कंपनियों के नाम जारी अलग अलग बैंकों के 26 चेक बुक, नौ रबर स्टांप, दस पैन कार्ड व चार डेबिट व क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए हैं।
डीसीपी दक्षिण पूर्वी जिला पी करणाकरन के मुताबिक पांच अगस्त को फेडरल बैंक की नेहरू प्लेस शाखा के मुख्य प्रबंधक सेथुमाधवन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनसे 'ब्लू वेव्स टेक्नोलॉजी' नामक कंपनी के मालिक ने कई ग्राहकों के क्रेडिट व डेबिट कार्ड को क्लोन कर लाखों रुपये का चूना लगाने की बात कही है। थानाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह, चौकी इंचार्ज संजीव कुमार व सतीश भाटी की टीम ने बीते सात अगस्त को गिरोह के मुख्य सदस्य अरुण को गिरफ्तार कर लिया। जितेंद्र और यासीन को कंप्यूटर की अच्छी जानकारी है। दोनों इंटरनेट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बैकों के क्रेडिट व डेबिट कार्डो का डाटा चोरी कर कंप्यूटर में ट्रांसफर कर लेते थे। स्वैप मशीन जारी कराते ही गिरोह के सदस्य कंपनी का दफ्तर बंद कर फरार हो जाते थे।
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