शायरी के बहाने फहमीदा ने दिया दोस्ती का पैगाम
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
दिल्ली तेरी छांव बड़ी पहरी,
मेरी पूरी काया पिघल रही
मुझे गले लगाकर गली-गली
धीरे से कहे तू कौन है री।
मैं कौन हूं, मां तेरी जाई हूं,
पर भेष नए में आई हूं।
रमती पहुंची अपनों में,
लेकिन पीर पराई लाई हूं।
नस-नस में लहू तो तेरा है,
पर आंसू मेरे अपने हैं।
प्रेस क्लब में 'एक शाम फहमीदा रियाज के नाम' कार्यक्रम में अपने इस कलाम के साथ पाकिस्तान की मशहूर लेखिका व शायर फहमीदा रियाज ने भारत को दोस्ती का पैगाम दिया। फहमीदा कहती हैं कि पाकिस्तान के लिए भारत एक आदर्श की तरह है। यहां जिस तरह से हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई मिलजुलकर रहते हैं, यह पाकिस्तान के लिए एक मिसाल है। यहां किसी के लिए कोई दरवाजा बंद नहीं है। ऐसी संस्कृति जहां सभी लोग प्यार से रहते हैं। फहमीदा रियाज अपने देश को कहना चाहती हैं कि वह भारत का अनुसरण करे।
फहमीदा ने बताया कि उनका जन्म उत्तार प्रदेश के मेरठ में हुआ। बंटवारे के समय उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था। बाद में फहमीदा 1981 से 1987 तक भारत में रहीं। इस दौरान उनके दो बच्चों की स्कूली शिक्षा की शुरुआत भारत में ही हुई। उन्होंने कहा कि जब वह भारत से पाकिस्तान वापस लौटीं तो उन्हें काफी दिनों तक भारत का एजेंट कहा जाता था। काफी लंबे समय तक उन्हें ऐसे हालात का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में हालात बदले। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की मौजूदा राजनीतिक पार्टियां भारत से अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश में हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ बातों को लेकर भारत भी पाक को जलील न करे। उन्होंने दोनों मुल्कों के आम नागरिकों का दर्द बयां हुए कहा कि लोग चाहते हैं कि आने-जाने की शर्तो में बदलाव हो। आम नागरिक बिना किसी रोक-टोक के एक दूसरे के देश आ-जा सकें।
फहमीदा रियाज ने पाकिस्तान में महिलाओं की दशा पर बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान, भारत और बांगलादेश में महिलाओं की दशा एक जैसी है। तीनों देशों में महिलाओं की दशा को सुधारने के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुधारना होगा। पाकिस्तान के अंदरूनी हालात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पाक को किसी मुल्क से खतरा नहीं है, बल्कि उसके अंदर मौजूद आतंकवाद ही उसका सबसे बड़ा दुश्मन है। पाक व भारत के कंट्टरपथियों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने निशाना साधते हुए यह शेर पढ़ा, तुम तो बिलकुल हम जैसे निकले, अब तक कहां छुपे थे भाई। तुम भी करो फतवे जारी। होगा सभी का जीना मुश्किल।
प्रेस क्लब में कार्यक्रम में पाकिस्तान उच्चायोग के प्रेस सचिव मंजूर मेमन, प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव अली जावेद, प्रेस क्लब के अध्यक्ष आनंद सहाय, प्रेस क्लब के सचिव अनिल आनंद सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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