सनी ने माना, भारतीय क्रिकेट में बदलाव लाना मुश्किल चुनौती
आइपीएल-7 के फाइनल के साथ ही मौजूदा बीसीसीआइ-आइपीएल अध्यक्ष सुनील गावस्कर का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा। गावस्कर का मानना है कि किसी भी पूर्व खिलाड़ी के लिए ऐसे पद पर बैठकर भारतीय क्रिकेट में बदलाव लाना बेहद कठिन चुनौती है। गावस्कर ने कहा, 'उसके (खिलाड़ी से अधिकारी बनने वाला) लिए ये एक बड़ी चुनौती है। अपने उन विचारों
नई दिल्ली। आइपीएल-7 के फाइनल के साथ ही मौजूदा बीसीसीआइ-आइपीएल अध्यक्ष सुनील गावस्कर का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा। गावस्कर का मानना है कि किसी भी पूर्व खिलाड़ी के लिए ऐसे पद पर बैठकर भारतीय क्रिकेट में बदलाव लाना बेहद कठिन चुनौती है।
गावस्कर ने कहा, 'उसके (खिलाड़ी से अधिकारी बनने वाला) लिए ये एक बड़ी चुनौती है। अपने उन विचारों को आगे रखना और उन सुझावों पर बाकी अधिकारियों की सहमति बनाना जो उसने अपने क्रिकेट करियर के दौरान महसूस किए हों, ये बेहद मुश्किल है। आमतौर पर हम परंपराओं को तवज्जो देते हैं और बदलावों से दूर रहना चाहते हैं। ये खिलाड़ी से अधिकारी बनने वाले के लिए एक बेहद कठिन चुनौती होती है। हालांकि ये भी कहना चाहूंगा कि मेरा कार्यकाल काफी छोटा रहा, महज चार-पांच हफ्तों का, इसलिए मेरा किसी चीज को लेकर निर्णायक होना सही नहीं होगा। मैंने अपने कार्यकाल के दौरान जो चीज करने की कोशिश की वो थी आइपीएल संस्था को मीडिया के करीब लाना। मीडिया को हर बात की जानकारी देना और उनके संपर्क में रहना बहुत जरूरी है ताकि अनचाहे विवादों और अफवाहों को दूर रखा जा सके। आखिर अंत में मीडिया ही ये बताएगा कि ये काम किया या नहीं किया।'
गावस्कर के मुताबिक आइपीएल-7 का पहला सत्र जो कि यूएई में हुआ वो इस बार का मुख्य आकर्षण रहा। सनी का मानना है कि यूएई में हुआ आयोजन जिस शानदार अंदाज में हुआ उसने दिल जीत लिया। फैंस और आयोजकों का जो समर्थन मिला वो अद्भुत था।