रैना रोकना चाहते थे, पर पीयूष चावला ने बताई गुजरात जाने की खास वजह
कुलदीप यादव ने गुजरात की टीम में जाने की खास वजह का खुलासा किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। बचपन से अभी तक उत्तर प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले भारतीय लेग स्पिनर पीयूष चावला अब गुजरात की टीम से खेलेंगे। निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश रणजी टीम के पूर्व कप्तान के लिए यह आसान फैसला नहीं था। उन्होंने इन सभी मुद्दों पर अभिषेक त्रिपाठी से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-
उत्तर प्रदेश छोड़कर गुजरात जाने का फैसला कितना मुश्किल था?
बहुत, ये आसान फैसला नहीं था। मैंने कई दिन इस पर विचार किया। रैना भाई (सुरेश रैना), शुक्ला सर (राजीव शुक्ला), अपने परिवार और दोस्तों से बातचीत के बाद यह फैसला किया। अपना घर छोड़ना किसे अच्छा लगता है, लेकिन कभी-कभी आपको अपने करियर को देखते हुए ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं। अब नई पारी शुरू करने का समय है।
रैना ने आपको रोकने की कोशिश तो की होगी?
जी, रैना भाई ने मुझसे इस मसले पर लंबी बातचीत की। उन्हें इस फैसले के लिए मनाना आसान नहीं था, लेकिन बाद में मैं उन्हें समझाने में सफल हो गया। उनकी शुभकामनाएं हमेशा मेरे साथ रहेंगी।
लेकिन नई टीम के तौर पर गुजरात को ही क्यों चुना?
गुजरात वर्तमान रणजी चैंपियन है और वहां की विकेट मेरी गेंदबाजी के भी मुफीद हैं। इस साल से रणजी में फिर से न्यूट्रल की जगह होम-अवे नियम आ गया है। इससे हमें घरेलू मैदान पर काफी मैच खेलने होंगे। उप्र की पिचों की अपेक्षा वहां टर्न ज्यादा मिलती है निश्चित तौर से इससे मेरी गेंदबाजी को भी काफी फायदा मिलेगा।
रणजी चैंपियन टीम से खेलने से क्या अतिरिक्त उत्सावर्धन मिलता है?
बिल्कुल, जब आप चैंपियन टीम से खेलते हैं तो आपके अंदर एक अलग तरह का आत्मविश्वास होता है। मेरे अंदर यह भावना अभी से आ गई है कि मुङो उसकी चैंपियनशिप बरकरार रखने के लिए मेहनत करनी है। यह सब बातें ही प्रेरणा का काम करती हैं और उससे आपके प्रदर्शन में सुधार होता है। गुजरात एक अच्छी टीम है। पार्थिव पटेल उसके कप्तान हैं। चेतेश्वर पुजारा, आरपी सिंह और अक्षर पटेल जैसे खिलाड़ी उस टीम में हैं।
ऐसा क्या है यूपी के बड़े खिलाड़ी गुजरात का रुख कर रहे हैं?
यह महज संयोग है। पहले आरपी भाई गुजरात में गए और अब मैं। आरपी के उस टीम से जुड़ने के बाद गुजरात चैंपियन बनी। निश्चित तौर पर उनके पहले से ही वहां होने पर मुझे टीम में ढलने में मदद मिलेगी। उनके साथ मैं लंबे समय तक खेला हूं।
पिछले साल आपको उप्र से सिर्फ दो मैच खेलने को मिले। क्या यही वजह थी टीम को छोड़ने की?
नहीं, मैं चोटिल होने के कारण पिछले साल कम मैच खेल पाया। ऐसी कोई बात नहीं है।
आपकी पिछली टीम से कुलदीप और वर्तमान टीम से अक्षर स्पिनर के तौर पर टीम इंडिया का हिस्सा हैं। क्या कहेंगे इनके बारे में?
दोनों ही प्रतिभाशाली हैं। कुलदीप को जितने भी मौके मिले उसे उसने अच्छी तरह भुनाया है। यह उसकी क्वालिटी है। वह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। अक्षर शानदार गेंदबाज है और उसके जैसे खिलाड़ी के टीम में होने से संतुलन बनता है। मैंने कुलदीप के साथ गेंदबाजी की है और अब अक्षर के साथ करूंगा। निश्चित तौर पर मजा आने वाला है।