भारत दौरा बीच में रद्द होने के लिए डब्ल्यूआइसीबी भी जिम्मेदार
वेतन विवाद मुद्दा और फिर भारत दौरा रद्द करने संबंधी कारणों का पता लगाने के लिए वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआइसीबी) की तरफ से नियुक्त टास्क फोर्स ने कहा कि इस विवाद से जुड़े सभी तीनों पक्षों ने गलतियां कीं।
सेंट जोंस, एंटिगुआ। वेतन विवाद मुद्दा और फिर भारत दौरा रद्द करने संबंधी कारणों का पता लगाने के लिए वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआइसीबी) की तरफ से नियुक्त टास्क फोर्स ने कहा कि इस विवाद से जुड़े सभी तीनों पक्षों ने गलतियां कीं।
डब्ल्यूआइसीबी को सौंपी गई रिपोर्ट में टास्क फोर्स ने कहा कि जहां कैरेबियाई बोर्ड और वेस्टइंडीज क्रिकेटर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूआइपीए) ने गलती की है, वहीं खिलाड़ियों को भी भारत दौरा बीच में रद्द होने के लिए जिम्मेदारी उठानी होगी। माइकल गॉर्डन, पूर्व अध्यक्ष वेस्ले हॉल, बारबाडोस के वरिष्ठ वकील रिचर्ड केल्टेनहॉम की सदस्यता वाली इस टास्क फोर्स ने ऐसी परिस्थिति भविष्य में पैदा नहीं होने के लिए आठ सुझाव भी दिए, जिनमें डब्ल्यूआइसीबी को खिलाड़ियों के साथ विश्वास का माहौल बनाना और इस काम में डब्ल्यूआइपीए को भी बड़ी भूमिका निभाना शामिल हैं।
टास्क फोर्स के अनुसार कोशिश के बावजूद हम डब्ल्यूआइसीबी और डब्ल्यूपीए की नीयत पर सवाल नहीं उठा रहे। वेस्टइंडीज क्रिकेट के भविष्य को लेकर वे अपनी बात ठीक तरह से खिलाड़ियों को समझाने में नाकाम रहे। टीम के कुछ सीनियर खिलाड़ी भी इस दौरे को रद्द करवाने के लिए जिम्मेदार थे। उन्हें अपने व्यवहार से जूनियर के सामने आदर्श पेश करना चाहिए लेकिन वे ऐसा करने में नाकाम रहे। गौरतलब है कि इस विवाद के चलते कैरेबियाई खिलाड़ियों ने इसी वर्ष अक्टूबर में चार वनडे अंतरराष्ट्रीय मैचों के बाद भारत दौरा बीच में छोड़ दिया था। वेस्टइंडीज को कोलकाता में पांचवां वनडे, एक टी-20 मैच और तीन टेस्ट खेलने थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने 4.2 करोड़ डॉलर का हर्जाना लगाए जाने के बाद डब्ल्यूआइसीबी ने टास्क फोर्स का गठन किया था।