टीम में वापसी को लेकर क्यों मायूस हैं युवराज सिंह ?
सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह टीम इंडिया में वापसी का रास्ता तलाश रहे हैं मगर फिलहाल तो ये रास्ते उनके लिए बंद ही नजर आते हैं। खुद युवराज भी कह चुके हैं कि वो टीम में वापसी की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं मगर फिलहाल इसकी उम्मीद
नई दिल्ली (संजय सावर्ण) । सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह टीम इंडिया में वापसी का रास्ता तलाश रहे हैं मगर फिलहाल तो ये रास्ते उनके लिए बंद ही नजर आते हैं। खुद युवराज भी कह चुके हैं कि वो टीम में वापसी की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं मगर फिलहाल इसकी उम्मीद कम ही नजर आ रही है। टी-20 वर्ल्ड कप और वनडे वर्ल्ड कप की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज की पहचान एक जूझारू खिलाड़ी के तौर पर रही है। कई बार टीम से बाहर होने के बावजूद उन्होंने अपने बुलंद इरादों के दम पर टीम में वापसी की है। मगर इस बार हालात शायद थोड़े अलग हैं और इस बात का अहसास युवराज को भी हो चुका है कि अब आगे का सफर उनके लिए बेहद मुश्किलों भरा है।
वर्ष 2011 वर्ल्ड कप तक युवी के लिए सबकुछ ठीक-ठाक रहा। भारत में आयोजित इस वर्ल्ड कप में युवी मैन ऑफ द सीरीज रहे और पूरे वर्ल्ड कप में उन्होंने साबित कर दिया कि वो टीम इंडिया के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। मगर इसके बाद एक ऐसा दौर आया जिसने सबको झकझोर कर रख दिया। हालांकि युवी ने दिलेरी से उस मुश्किल वक्त का सामना किया और उस कठिन हालात से बाहर आ कर एक बार फिर से सबकुछ सामान्य करने की कोशिश की। मगर शायद तब तक काफी कुछ बदल चुका था।
वनडे में युवी का प्रदर्शन
कैंसर जैसी घातक बीमारी से ठीक होकर वापस लौटने के बाद युवी को पाकिस्तान, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज और साउथ अफ्रीका जैसे देशों के खिलाफ 19 वनडे मैच खेलने का मौका मिला मगर उनमें वो बात नहीं दिखी जिसके लिए युवी जाने जाते थे। हालांकि कुछेक मैचों में उन्होंने कुछ रन जुटाए भी मगर इस प्रदर्शन के बूते वो ज्यादा दिनों तक टीम इंडिया में टिक नहीं सके और आखिरकार वो टीम से बाहर हो गए। उन्होंने अपना आखिरी वनडे वर्ष 2013 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला था हालांकि इस मैच में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिल पाया।
टी-20 वर्ल्ड कप में मिला मौका
बेशक युवराज भारतीय वनडे टीम के बाहर चल रहे थे मगर वर्ष 2014 में बांग्लादेश में हुए टी-20 वर्ल्ड कप के लिए उन्हें टीम में शामिल किया गया। युवी को उन दिनों घरेलू मैचों में उनके शानदार प्रदर्शन के आधार पर टीम में चुना गया था। वैसे तो वर्ल्ड कप में टीम इंडिया फाइनल में पहुंच गई थी मगर जीतने में कामयाब नहीं हो पाई। इस पूरे वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ युवी की 60 रन की पारी को छोड़ दिया जाए तो वो पूरी तरह से फ्लॉप रहे थे। श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में उनकी बल्लेबाजी ने उन्हें क्रिकेट फैंस की नजरों में खलनायक बना दिया था। यानी युवराज यहां भी अपना दम दिखाने में कामयाब नहीं हो पाए।
आइपीएल और घरेलू मैचों में प्रदर्शन
आइपीएल 2014 में युवराज को रॉयल चैलेंजर बेगलूर की तरफ से खेलने का मौका मिला मगर वहां भी अपनी अपनी छाप छोड़ने में सफल नहीं रहे। इसके बाद दलीप ट्रॉफी में नार्थ जोन की तरफ से खेलने हुए उन्होंने महज 47 रन की पारी खेली और यहां भी वो एक बार फिर खुद को साबित करने में सफल नहीं रहे।
जाहिर है युवी का हाल के दिनों में जिस तरह का प्रदर्शन है उससे शायद उनकी जगह टीम इंडिया में बनती नहीं दिख रही। दूसरी बात ये कि टीम में उनकी जगह मौजूद रैना का प्रदर्शन इतना बेहतरीन है कि युवी की जगह टीम में बनती दिख नहीं रही। यानी साफ तौर पर युवी अपनी हालात से वाकिफ हैं और उन्हें पता है कि इस हालात पर काबू पाना बेहद संघर्षपूर्ण है।