आखिर ये हो क्या रहा है, सहवाग का एक साल पुराना वो बयान उठाता है कई सवाल
पांच खिलाड़ियों ने बीसीसीआइ को कोच पद के लिए आवेदन भेजा है और इसमें सहवाग का नाम चौंकाने वाला है। जानिए इसकी वजह।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। टीम इंडिया इस समय चैंपियंस ट्रॉफी में अपने पहले मुकाबले की तैयारी में जुटी है और दूसरी ओर भारत में एक नया विवाद जोर पकड़ने लगा है। विवाद, कोच से जुड़ा। वैसे ये पहली बार नहीं है जब भारतीय कोच का चयन विवाद का मामला बना है। पहले भी ऐसा होता रहा है। वैसे इस बार कुंबले के अलावा पांच खिलाड़ियों ने बीसीसीआइ को कोच पद के लिए आवेदन भेजा है और इसमें सहवाग का नाम चौंकाने वाला है। आइए जानते हैं कि क्या है इसकी वजह।
- वीरू का वो बयान
कम ही लोगों को ध्यान होगा कि ठीक एक साल पहले वीरेंद्र सहवाग ने एक अखबार को इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अनिल कुंबले टीम इंडिया को आगे ले जाने के लिए सही कोच हैं। सहवाग ने कहा था कि कुंबले एक महान खिलाड़ी हैं। उन्होंने ये भी कहा कि जितने लोगों से वो अब तक मिले हैं उनमें कुंबले सबसे सकारात्मक इंसान रहे। वीरू के मुताबिक कुंबले कभी हार नहीं मानते और उनसे युवा टीम काफी कुछ सीख सकती है। सहवाग के इस बयान से साफ है कि वो कुंबले को परफेक्ट कोच, शानदार खिलाड़ी और बेहतरीन इंसान मानते आए हैं..लेकिन अगर ऐसा है तो आखिर सहवाग ने ही इस कोच पद के लिए आवेदन क्यों कर दिया? अगर उनका मानना है कि कुंबले इस टीम के लिए सही हैं तो आखिर अचानक वो कुंबले की जगह खुद को देखना क्यों चाहते हैं?
- क्या ये है BCCI की रणनीति?
अनिल कुंबले घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों के वेतन को लेकर सवाल खड़े कर रहे थे। वहीं, शुक्रवार को रामचंद्र गुहा ने प्रशासकों की समिति (सीओए) से इस्तीफा देने के अपने कारणों से सबको चौंकाया था। गुहा ने न सिर्फ टीम इंडिया में विराट कोहली के बढ़ाए हुए कद के बारे में चर्चा की बल्कि इससे ये भी साफ कर दिया कि कुंबले-कोहली विवाद हकीकत का रूप ले चुका है। ऐसे में कुछ बातें इस ओर भी इशारा कर रही हैं कि कहीं अपने ऊपर विवाद की तलवार देख बीसीसीआइ कुंबले को जल्द से जल्द हटाना तो नहीं चाहता और अगर कुंबले को हटाना है तो एक ऐसा नाम सामने रखना ही होगा जिसकी भारतीय क्रिकेट में लोकप्रियता अच्छी-खासी रही है। ऐसे में सहवाग से बेहतर नाम किसका होगा। क्योंकि सहवाग किसी भी रूप से बीसीसीआइ से जुड़े नहीं हैं यानी हितों के टकराव का मामला भी नहीं बनता और दूसरी वजह ये भी है कि सहवाग के सलाहकार समित के तीनों सदस्यों से अच्छे संबंध रहे हैं। कोच का चयन करने वाली बीसीसीआइ की सलाहकार समिति के सदस्य हैं सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली। वरिष्ठ खेल पत्रकार, कमेंटेटर व लेखक मनोज जोशी कहते है, 'कुंबले एक शानदार खिलाड़ी और कोच रहे हैं। वो हमेशा देश के लिए खेले हैं। वो कभी किसी कप्तान के दबाव में आने वाले नहीं हैं। सहवाग को एक बेहतर विकल्प तो नहीं कहा जा सकता लेकिन उनके कोच बनने के ज्यादा आसार इसलिए हैं क्योंकि सलाहकार समित के तीनों पूर्व दिग्गज, जिनको कोच का चयन करना है, वे सहवाग के काफी करीबी रहे हैं।'
- कुंबले का जाना तय है !
कुछ खबरें ऐसी भी आई हैं कि अनिल कुंबले ने चैंपियंस ट्रॉफी के तुरंत बाद कोच पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है। कुंबले इस विवाद को पूरी तरह समझ रहे हैं और जहां तक उनके व्यवहार के बारे में कहा जाता है तो इतने सम्मानजनक करियर के बाद वो नहीं चाहेंगे कि उन पर अंगुली उठाते हुए बाहर का रास्ता दिखाया जाए। वहीं, दूसरी ओर सवाल ये भी उठता है कि क्या वीरेंद्र सहवाग कोच पद के लिए सही नाम होंगे? इसमें कोई दो राय नहीं है कि वीरू एक शानदार क्रिकेटर रहे हैं और आइपीएल में पंजाब के कोच भी रहे हैं लेकिन क्या इतना काफी है एक युवा टीम को आगे ले जाने के लिए? सहवाग हमेशा से बेबाक रहे हैं, फिर चाहे वो उनके बल्लेबाजी के दिन हों या फिर ट्विटर और कमेंट्री में उनकी पारी, ऐसे में क्या भारतीय क्रिकेट किसी ऐसे खिलाड़ी को कोच के तौर पर स्वीकार कर पाएगा।
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