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भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका: दिल्ली में विराट का असली टेस्ट

भारतीय टीम चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 से आगे चल रही है और भारतीय कप्तान विराट कोहली इसमें दक्षिण अफ्रीकी टीम को कोई मौका नहीं देना चाहते हैं। हालांकि घरेलू मैदान पर पहली बार टेस्ट कप्तान के तौर पर खेल रहे विराट का यह असली टेस्ट है। उन्हें

By sanjay savernEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2015 07:05 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2015 01:55 PM (IST)

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। भारतीय टीम चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 से आगे चल रही है और भारतीय कप्तान विराट कोहली इसमें दक्षिण अफ्रीकी टीम को कोई मौका नहीं देना चाहते हैं। हालांकि घरेलू मैदान पर पहली बार टेस्ट कप्तान के तौर पर खेल रहे विराट का यह असली टेस्ट है। उन्हें यहां यह भी साबित करना है कि सिर्फ स्पिन पिच के कारण टीम इंडिया नहीं जीती है, बल्कि उनके खिलाडि़यों ने मेहमान टीम से बेहतर प्रदर्शन किया है।

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भारत ने विश्व की नंबर वन टीम को 11 साल बाद सीरीज में हराया और दक्षिण अफ्रीकी टीम करीब एक दशक बाद विदेश में सीरीज हारी। इसके बावजूद इस जीत से ज्यादा पिच को लेकर चर्चा हुई और यही कारण है कि टीम पर भी इसका असर पड़ा है। टीम प्रबंधन, निदेशक रवि शास्त्री, कप्तान विराट कोहली और स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भले ही इसको लेकर सख्त रवैया अपना चुके हों, लेकिन आज अमित मिश्रा ने माना कि पिच विवाद ने इतनी बड़ी जीत की चमक को फीका किया है और इसने उन्हें और टीम के साथियों को निराश किया है। उन्होंने कहा कि हमने दक्षिण अफ्रीकियों से अच्छा प्रदर्शन किया है और वह हमारी गेंदों को अच्छी तरह नहीं खेल पाए, लेकिन इसकी जगह पिच पर बात हो रही है। हमने बहुत बड़ी जीत हासिल की है।

दम है विराट में :

कोहली के कप्तानी करियर को देखें तो उन्होंने हर मौके पर साबित किया है कि वह और उनकी टीम कभी पीछे मुड़कर नहीं देखेगी। एक साल पहले की बात है जब भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी कोहली को सौंपी गई थी। शानदार फॉर्म में चल रहे विराट को एडिलेड में बेहद कड़ी चुनौती मिली। मैच तो हार गए, लेकिन जूझने का जज्बा बरकरार रहा। वह बिना किसी निराशा के अगले टेस्ट के लिए टीम को एकजुट रखने के काम में लग गए। ऑस्ट्रेलिया में हुई शुरुआत बांग्लादेश होते हुए जब श्रीलंका पहुंची तो उन्हें बतौर कप्तान पहली बार पूरी सीरीज में टीम का नेतृत्व करना था। आठ माह पहले कप्तानी संभालने के सामने 21 साल पुरानी चुनौती मुंह बाये खड़ी थी, लेकिन विराट ने इसे आगे बढ़कर स्वीकार किया। विदेश में अपना लोहा मनवा चुके कोहली की अगली परीक्षा घरेलू मैदान पर थी। वह भी एक ऐसी टीम के साथ जो पूरी दुनिया में जीत का रिकॉर्ड बनाने के साथ ही नंबर-1 स्थान पर काबिज है। दक्षिण अफ्रीका ने जब वनडे और टी-20 में धौनी एंड कंपनी को धूल चटाई तो लगा कि विदेश में जीतकर आए विराट को घर में ही मुंह की खानी न पड़ जाए, लेकिन जो चिंता फैंस को थी, वह खुद कोहली को बिल्कुल नहीं थी। विराट ने 2-0 से सीरीज जीतकर इतिहास रचा, लेकिन उनके जीतने की भूख अभी खत्म नहीं हुई है और वह अफ्रीका को बिना टेस्ट जीते यहां से भेजना चाहते हैं।

नंबर-दो रैंकिंग पर निशाना :

फिलहाल भारतीय टीम 100 अंकों के साथ टेस्ट रैंकिंग में चौथे नंबर पर है, लेकिन आखिरी टेस्ट जीतते ही उसके अंक 111 हो जाएंगे। वहीं, अभी 125 अंक रखने वाली नंबर एक अफ्रीकी टीम इस हार के बाद 114 अंकों पर आ जाएगी। यानी कोटला में अगर भारतीय टीम जीती तो वह नंबर-2 पर आ जाएगी और उसके शीर्ष टीम से सिर्फ तीन अंक कम होंगे। यानी विराट कोहली की कप्तानी में छठे नंबर से शुरुआत करने वाली टीम इंडिया एक साल के अंदर ही दूसरे नंबर पर पहुंच सकती है।

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