रोमांचक मैच में भारत की हार, कीवी टीम को 1-0 की बढ़त
भारत और न्यूजीलैंड के बीच ऑकलैंड के इडेन पार्क में खेला गया टेस्ट सीरीज का पहला टेस्ट मेजबान न्यूजीलैंड टीम ने 40 रनों से जीत लिया है। रोमांचक मैच के चौथे दिन कई उतार-चढ़ाव आए, कभी भारत जीत के करीब दिखा तो कभी न्यूजीलैंड लेकिन अंत में कीवी टीम के गेंदबाजों ने चौथी पारी में 407 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय
ऑकलैंड। भारत और न्यूजीलैंड के बीच ऑकलैंड के इडेन पार्क में खेला गया टेस्ट सीरीज का पहला टेस्ट मेजबान न्यूजीलैंड टीम ने 40 रनों से जीत लिया है। रोमांचक मैच के चौथे दिन कई उतार-चढ़ाव आए, कभी भारत जीत के करीब दिखा तो कभी न्यूजीलैंड लेकिन अंत में कीवी टीम के गेंदबाजों ने चौथी पारी में 407 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को 366 रनों के अंदर समेटते हुए जानदार जीत हासिल की और अब दो मैचों की सीरीज में वे 1-0 से आगे हैं।
मैच के तीसरे दिन चौथी पारी में 407 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने एक विकेट के नुकसान पर 87 रन बना लिए थे। चौथे दिन भारत ने 96 के कुल स्कोर पर चेतेश्वर पुजारा के रूप में अपना दूसरा विकेट गंवा दिया। पुजारा को साउथी ने विकेट के पीछे वाटलिंग के हाथों कैच कराया। इसके बाद शुरू हुआ दिल्ली के दो शेरों शिखर धवन और विराट कोहली का जलवा। दोनों बल्लेबाजों ने तीसरे विकेट के लिए 126 रनों की साझेदारी को अंजाम दिया। इस बीच जहां शिखर धवन ने अपना दूसरा टेस्ट शतक पूरा करते हुए फॉर्म में लौटने के संकेत दिए वहीं 222 के स्कोर पर विराट कोहली एक संघर्षपूर्ण अर्धशतक के बाद 67 रन बनाकर वैगनर की गेंद पर विकेट के पीछे कैच आउट हो गए।
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भारत को तीन झटके लग चुके थे लेकिन उम्मीदें जग चुकी थीं और भारत जीत के लक्ष्य के साथ अब आगे बढ़ रहा था, लेकिन विराट कोहली के आउट होने के कुछ ही समय बाद पिच पर मजबूत नजर आ रहे शिखर धवन भी 248 के कुल स्कोर पर 115 रन बनाकर वैगनर की गेंद पर वाटलिंग को ही कैच थमा बैठे। इसके बाद पिच पर अजिंक्य रहाणे आए, उम्मीद थी कि रहाणे और रोहित शर्मा मिलकर पारी को मजबूत करेंगे लेकिन धवन के विकेट के मात्र 20 रन के बाद रहाणे (18) भी बोल्ट की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए, हालांकि टीवी रीप्ले में ये दुर्भाग्यपूर्ण विकेट नजर आया क्योंकि गेंद रहाणे के बल्ले से टकराकर गई थी।
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रहाणे का विकेट गिरा ही था कि कीवी गेंदबाज पूरी तरह से हावी हो गए और मात्र दो रन के अंदर 270 के कुल स्कोर पर रोहित शर्मा (19) भी सस्ते में साउथी की गेंद पर विकेटकीपर वाटलिंग को कैच थमा बैठे। फिर पिच पर आइपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के दो महारथी मौजूद थे। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और रवींद्र जडेजा। दोनों बल्लेबाजों ने स्थिति को समझते हुए स्कोर की रफ्तार बढ़ाने का फैसला किया और महज 5.4 ओवर के अंदर दोनों ने सातवें विकेट के लिए 54 रनों की साझेदारी को अंजाम दे डाला। भारतीय फैंस की आंखों में जब एक बार फिर इस बल्लेबाजी को देखकर उम्मीदें आने लगी थीं, तभी जडेजा ने एक खराब शॉट पर जल्दबाजी में बोल्ट की गेंद पर इश सोढ़ी को अपना कैच थमा दिया। इसके बाद जहीर खान (17) ने कुछ देर तो टिकते हुए खेला लेकिन वो भी 349 के स्कोर पर वैगनर की गेंद पर टेलर को स्लिप में कैच दे बैठे।
भारत के 8 विकेट गिर चुके थे और तकरीबन 50 रन और चाहिए थे। धौनी ने एक छोर संभालने की काफी कोशिश की और बीच-बीच में रनों की रफ्तार भी बढ़ाई लेकिन 362 के कुल स्कोर पर वैगनर ने उन्हें बोल्ड कर दिया। धौनी ने 39 रन बनाए। हालांकि इस विकेट पर भी आगे बहस हो सकती है क्योंकि वैगनर का पैर पहला पैर पिच की सीमा रेखा को छूता नजर आया था जो कि नो बॉल करार दी जाती है, हालांकि डीआरएस ना होने से इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर 44 रनों की जरूरत थी, इशांत शर्मा (4) ने एक चौका जरूर लगाया लेकिन फिर वो भी बोल्ट की गेंद पर विकेट के पीछे कीपर वाटलिंग को कैच थमा बैठे। ये कीपर वाटलिंग का दूसरी पारी में छठा कैच था जबकि मैच में नौवां कैच। इसके साथ ही भारत ने ये मैच 40 रनों से गंवा दिया और एक एतिहासिक जीत से टीम इंडिया महरूम रह गई। इससे पहले चौथी पारी में भारत ने 1976 में 406 के एतिहासिक लक्ष्य का पीछा किया था, भारत अगर ये 407 का लक्ष्य हासिल कर लेता, तो ये इतिहास के पन्नों में लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की सबसे बड़ी जीत के रूप में दर्ज हो सकती थी।
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