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जब बीसीसीआइ सचिव ने अध्यक्ष से पूछा, क्या रवि शास्त्री कोच बन गए क्या

कोच के नाम को लेकर हंगामा मच गया।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 11 Jul 2017 09:14 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jul 2017 02:35 PM (IST)
जब बीसीसीआइ सचिव ने अध्यक्ष से पूछा, क्या रवि शास्त्री कोच बन गए क्या
जब बीसीसीआइ सचिव ने अध्यक्ष से पूछा, क्या रवि शास्त्री कोच बन गए क्या

नई दिल्ली,अभिषेक त्रिपाठी। मंगलवार की शाम को साढ़े चार बजे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के अधिकारी राजधानी में एक बैठक कर रहे थे। तब तक कुछ न्यूज चैनलों पर पूर्व टीम निदेशक रवि शास्त्री को मुख्य कोच बनाए जाने की खबर आती है। बाकी चैनल भी बिना जाने-बूझे उसी खबर को आगे बढ़ा देते हैं। बैठक में मौजूद पदाधिकारियों के भी फोन घनघनाने लगते हैं। उन्हें भी मीडिया के जरिये पता चलता है कि उन्होंने कोच चुन लिया है। एक समय तो बोर्ड के  पदाधिकारी भी सन्न हो गए। बैठक में मौजूद एक शख्स बीसीसीआइ के सीईओ राहुल जौहरी को शास्त्री को कोच चुने जाने की खबर दिखाता है। जौहरी उठकर कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी के पास जाते हैं। जौहरी भी इस खबर से भौचक थे, क्योंकि कोच चुनने वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने उन्हें तब तक चयन के बारे में कुछ नहीं बताया था। जौहरी इसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना को फोन लगाते हैं, तो वह भी ऐसी किसी जानकारी से इन्कार करते हैं। इसके बाद यह खबर बैठक में ही हंसी का पात्र बन जाती है।

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बैठक में मौजूद एक अधिकारी ने कहा कि जिन्हें कोच की घोषणा करनी थी वे सब तो बैठक में मौजूद थे, लेकिन उनमें से किसी को पता नहीं था कि शास्त्री को कोच बना दिया गया। लेकिन यह खबर इतनी तेजी से फैली कि एक बारगी सब हैरान रह गए। हालांकि बाद में सब इस फालतू की तेजी का मजाक उड़ाने लगे। इसके बाद कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी शाम को छह बजे प्रेस कांफ्रेंस में आए और इसका पूरी तरह से खंडन किया। उन्होंने कहा कि जहां तक मंगलवार की शाम छह बजे तक का सवाल है तो मैं यह कह सकता हूं कि अभी तक बोर्ड ने अपने मुख्य कोच पर फैसला नहीं लिया है। शाम छह बजे तक सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण वाली क्रिकेट सलाहकार समिति इस मामले में आपस में बातचीत कर रही थी और जैसे ही इस पर कुछ तय होगा, हम बताएंगे। 

उधर बोर्ड के एक और अधिकारी ने कहा कि मैं पहले ही कह रहा था क्रिकेटरों के ऊपर यह फैसला मत डालो, वे बहुत देर लगाते हैं। अब तक यह बीसीसीआइ के हाथ में होता तो कोच का निर्णय हो चुका होता। इतने छोटे से मुद्दे पर ये लोग अब तक फैसला नहीं ले पा रहे हैं।

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