चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की हार के बाद बीसीसीआइ और आइसीसी में हो सकता है समझौता
लंदन में सोमवार (आज) से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) की वार्षिक कांफ्रेंस होगी, जिसमें भारत की तरफ से कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और सीईओ राहुल जौहरी भाग लेंगे।
लंदन, अभिषेक त्रिपाठी। चैंपियंस ट्रॉफी खत्म होने के तुरंत बाद सोमवार से लंदन में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) की वार्षिक कांफ्रेंस होगी, जिसमें भारत की तरफ से कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और सीईओ राहुल जौहरी भाग लेंगे। इसमें भारत को आइसीसी से मिलने वाले वार्षिक राजस्व पर मुहर लगेगी।
दुबई में अप्रैल में हुई बैठक में भारत को आइसीसी के संचालन ढांचे में बदलाव के मतदान में 1-9 से हार मिली थी। यही नहीं राजस्व मॉडल के विरोध को लेकर बीसीसीआइ की आपत्ति को भी आइसीसी बोर्ड ने 8-2 से खारिज कर दिया था। उस बैठक में अगले आठ साल के लिए भारत का हिस्सा 57 करोड़ डॉलर (करीब 37 अरब रुपये) की जगह 29.3 करोड़ डॉलर (लगभग 18.5 अरब रुपये) कर दिया गया था। तब आइसीसी के स्वतंत्र चेयरमैन शशांक मनोहर ने बीसीसीआइ को अतिरिक्त 10 करोड़ डॉलर (लगभग छह अरब, 43 करोड़ रुपये) के राजस्व की पेशकश की थी, लेकिन जिसे उसने खारिज कर दिया था। बीसीसीआइ सूत्रों के मुताबिक एक बार फिर भारतीय पदाधिकारियों ने मनोहर से बात की है और यह भारत को 29.3 करोड़ डॉलर की जगह 40.5 करोड़ डॉलर (लगभग 27 अरब रुपये) देने पर सहमति बन गई है।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप पर भी चर्चा: आइसीसी सूत्रों के मुताबिक इस वार्षिक सम्मेलन में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप पर भी चर्चा हो सकती है। आइसीसी लंबे समय से सभी प्रारूपों में कम से कम एक विश्व प्रतियोगिता शुरू करने की योजना बना रहा है। अगले साल अधिकांश शीर्ष सदस्यों द्वारा द्विपक्षीय सीरीज खेलने में व्यस्त होने के कारण (आइसीसी) ने 2018 टी-20 विश्व कप को रद कर दिया है। पहले यह टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका में प्रस्तावित था, लेकिन वहां के क्रिकेट संघ और सरकार के बीच तनातनी के कारण इसे कहीं और कराने की योजना बन रही थी। आखिर में इसे आइसीसी ने रद्द ही कर दिया। इस पर भी आइसीसी की कांफ्रेंस में मुहर लग सकती है।
यही कारण है कि हर दो साल में आयोजित होने वाला यह टूर्नामेंट भारत में 2016 में होने के चार साल बाद सीधे 2020 में होगा। अब तक दक्षिण अफ्रीका (2007), इंग्लैंड (2009), वेस्टइंडीज (2010), श्रीलंका (2012), बांग्लादेश (2014) और भारत (2016) में टी-20 विश्व कप आयोजित हो चुका है। द्विपक्षीय सीरीज से सभी देशों को कमाई होती है जिसका बड़ा हिस्सा प्रसारण करार से आता है, विशेषकर जब भारत किसी देश का दौरा करता है तो मेजबान बोर्ड टीवी प्रसारण अधिकार से लाखों डॉलर की कमाई करता है।