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ये हैं वो चौंकाने वाले कारण जो विश्व चैंपियन टीम इंडिया को ले डूबे

दक्षिण अफ्रीका में खेले गए तीन वनडे मैचों में दो ही पूरे हो सके थे, वो दोनों भारत ने बुरी तरह गंवाए। इसके बाद न्यूजीलैंड पहुंचे तो लगा नया साल अच्छा होगा, लेकिन वहां भी सीरीज के पहले दो मैच गंवाए, एक बमुश्किल टाई पर छूटा तो चौथा वनडे फिर गंवा दिया। जिसके साथ ही दो लगातार वनडे सीरीज भारत ने गंवा दी हैं। पिछले

By Edited By: Published: Tue, 28 Jan 2014 03:42 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2014 03:43 PM (IST)
ये हैं वो चौंकाने वाले कारण जो विश्व चैंपियन टीम इंडिया को ले डूबे

(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में खेले गए तीन वनडे मैचों में दो ही पूरे हो सके थे, वो दोनों भारत ने बुरी तरह गंवाए। इसके बाद न्यूजीलैंड पहुंचे तो लगा नया साल अच्छा होगा, लेकिन वहां भी सीरीज के पहले दो मैच गंवाए, एक बमुश्किल टाई पर छूटा तो चौथा वनडे फिर गंवा दिया। जिसके साथ ही दो लगातार वनडे सीरीज भारत ने गंवा दी हैं। पिछले 7 वनडे मुकाबलों में भारत को एक में भी जीत नसीब नहीं हुई। चौथा वनडे हैमिल्टन में था और विकेट भी धीमा था, उम्मीद थी कि जीत मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ, आइए जानते हैं कि क्या थे वो कारण कि हैमिल्टन में धौनी के धुरंधर हार नहीं टाल सके।

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1. अपने सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज के साथ ऐसा क्यों किया?:

पिछले कुछ सालों में एक ही ऐसा भारतीय बल्लेबाज नजर आया है जिसका फॉर्म देश हो या विदेश, हर जगह बरकरार था, लेकिन उसके बावजूद धौनी ने अहम मैच में उनका बल्लेबाजी क्रम बदल डाला। धवन को मैच से बाहर रखा तो विराट को ओपनिंग करने उतार दिया गया। क्या धौनी भूल गए थे कि उनके पास अजिंक्य रहाणे मौजूद थे जो कि आइपीएल में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से हमेशा बेहतरीन ओपनिंग करते आए हैं। वहीं, रहाणे ना सही, हमारे पास रायडु भी मौजूद थे, जो कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट और आइपीएल में टॉप ऑर्डर पर बखूबी खेलते आए हैं, फिर भी आखिर क्यों विराट कोहली का बल्लेबाजी क्रम छेड़ा गया। विराट अपने इस स्थान पर सहज नहीं दिखे और 2 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

2. पहले 10 ओवरों का शर्मनाक सच:

एक तरफ थी कीवी टीम जिसने जवाब में उतरने के बावजूद पहले 7 ओवर में ही 50 रन जड़ डाले जबकि दूसरी तरफ थी टीम इंडिया जो पहले बल्लेबाजी करने उतरी, बिना ज्यादा दबाव के और फिर भी 10 ओवर में वे महज 28 रन ही बना सके और इस बीच कोहली और रहाणे ने अपने-अपने विकेट भी सस्ते में गंवा दिए। मैच के बाद धौनी ने कहा कि उनकी टीम शायद 20-30 रन कम बना पाई। शायद शुरुआती 10 ओवरों की यही धीमी गति टीम के स्कोर को उछाल नहीं दे सकी।

3. पूरी सीरीज नहीं ढूंढ पाए इस कीवी खिलाड़ी का तोड़:

केन विलियम्सन, तीसरे नंबर पर उतरने वाले इस कीवी बल्लेबाज ने कोरी एंडरसन, मार्टिन गुप्टिल और रॉस टेलर के धुआंधार प्रदर्शन के बीच ज्यादा सुर्खियां तो नहीं बटोरी लेकिन जरा अब तक सीरीज में इस बल्लेबाज के प्रदर्शन पर एक नजर डालिए जरा। पहले मैच में 71 रनों की पारी, दूसरे मैच में 77 रनों की पारी, तीसरे मैच में 65 रनों की पारी और आज चौथे मुकाबले में 60 रनों की पारी। लगातार चार मैचों में इस बल्लेबाज ने अर्धशतक जड़े और हर बार शुरुआती झटकों से अपनी टीम को उबारने में मदद की, लेकिन हमारे गेंदबाज अब तक इस खिलाड़ी का तोड़ नहीं ढूंढ पाए और इन अर्धशतकों से वो ऐसा काम कर गए जो शायद एक शतक से बढ़कर है।

4. गेंदबाजों का सुपर फ्लॉप शो:

शायद भारतीय टीम ने पिछले कई सालों में इतना खराब गेंदबाजी प्रदर्शन नहीं देखा होगा जो पिछले एक-दो महीनों में विदेशी जमीं पर देखने को मिला है। चौथे वनडे में धौनी ने अपने स्पेशलिस्ट गेंदबाजों के अलावा अन्य को भी आजमाया और कुल 7 खिलाडि़यों ने भारत की तरफ से गेंदबाजी की, लेकिन महज दो विकेट ही गेंदबाजों के हाथ आए। एक मोहम्मद शमी के, जिन्होंने 8 ओवर में 61 रन लुटा डाले और दूसरा विकेट वरुण एरोन को मिला जिन्होंने एक विकेट के बदले 6.1 ओवर में 51 रन लुटा डाले। भुवनेश्वर कुमार ने 10 ओवर में बिना सफलता 62 रन लुटाए, जडेजा ने इतने ही ओवरों में 33 रन और अश्विन ने 10 ओवर में 41 रन लुटाए। बिन्नी ने एक ओवर में 8 रन दिए जबकि रायडु ने 3 में 23 रन।

5. धौनी के ये हैरान करने वाले फैसले:

चौथे वनडे में या ये कहें कि पूरी सीरीज में धौनी ने कई चौंकाने वाले फैसले लिए। पहले तो वो रैना को टीम से हटा नहीं रहे थे, फिर हटाया तो धवन को भी बाहर किया। इसके बाद धवन को हटाया तो ना जाने क्यों रहाणे की जगह कोहली का स्थान बदल दिया। इसके अलावा जब बिन्नी को एक ऑलराउंडर के रूप में खिलाया ही था तो उनको अश्विन (5) के ऊपर खिलाकर क्यों प्रयोग नहीं किया, और फिर बिन्नी की गेंदबाजी की क्षमता जानते हुए भी जब सब गेंदबाज पिट रहे थे, तब भी उन्हें मैच में मात्र एक ही ओवर गेंदबाजी करने के लिए दिया गया। इसके अलावा न्यूजीलैंड की पारी के दौरान 10वें ओवर से 20वें ओवर से बीच का समय, जो कि काफी अहम था, उस दौरान विलियम्सन और टेलर काफी बैकफुट पर नजर आए और धीमी बल्लेबाजी कर रहे थे क्योंकि भारतीय स्पिनर्स उन पर दबाव बनाए हुए थे और वो अपना विकेट देना नहीं चाह रहे थे, उसी समय सभी को चौंकाते हुए धौनी ने दोनों स्पिनर्स को हटा दिया और तेज गेंदबाजों को लगा दिया। फिर क्या था, विलियम्सन व टेलर उन पर टूट पड़े और महज 9 ओवर में 63 रन जड़ डाले। इसके बाद धौनी को जब अहसास हुआ तो उन्होंने फिर अश्विन को लगा दिया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।

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