भारतीय क्रिकेट टीम की फिटनेस के लिए अब होगा इसका इस्तेमाल
भारतीय खिलाड़ियों की फिटनेस के लिए अब आया ये नया मंत्र।
दांबुला, पीटीआइ। भारतीय क्रिकेट टीम के कंडीशनिंग कोच शंकर बसु ने सभी भारतीय खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य कर दिया है कि क्रिकेट सीरीज के दौरान कभी भी उनका फिटनेस टेस्ट किया जा सकता है। इसके पीछे उनका ये मानना है कि इससे ये पता लग सकेगा कि मैच के दौरान मैदान पर जो खिलाड़ियों की फिटनेस रहती है वो हर वक्त उसी तरह से फिट रहें। बसु के मुताबिक किसी भी प्रैक्टिस सेशन के बाद या उसके दौरान किसी भी खिलाड़ी का या ग्रुप में कुछ खिलाड़ियों का फिटनेस टेस्ट किया जा सकता है।
कुछ दिनों पहले यो यो फिटनेस टेस्ट जिसमें युवराज फेल हो गए थे और उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया था ये भी बसु का ही प्रोजेक्ट था। भारतीय ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन दो बार इस टेस्ट से गुजर चुके हैं। श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से पहले आर. अश्विन और चेतेश्वर पुजारा के साथ जबकि विराट कोहली और लोकेश राहुल के साथ पहले वनडे मैच से पहले धवन का ये टेस्ट हो चुका है। इस फिटनेस टेस्ट के बारे में धवन का कहना है कि टीम मैनेंजमेंट की तरफ से ये एक अच्छी शुरुआत है।
धवन ने कहा कि आज की क्रिकेट दशकों पहले वाले क्रिकेट से जुदा है। आज फिटनेस सबसे जरूरी है। आज खेल का स्तर काफी उंचा उठ चुका है और आपको फिट रहना ही पड़ेगा। अगर आपसे फिट रहने की आशा की जाती है तो ये सही है। अगर आप फिट नहीं हैं तो इसका खमियाजा टीम को भुगतना पड़ता है। ये सिर्फ भारतीय क्रिकेट में ही देखने को नहीं मिल रहा है। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसी टीमों में भी फिटनेस का अपना एक लेवल है और अब हम भी ऐसा कर रहे हैं। धवन के ऐसा कहने से ये साफ जाहिर हो रहा था कि क्यों कुछ खिलाड़ी भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाए।
धवन ने कहा कि हमारे पास अच्छे खिलाड़ी हैं और अगर कोई जाता है तो उसकी जगह उसी कद का दूसरा खिलाड़ी मौजूद होना चाहिए। अगर हमारे पास उसी लेवल का खिलाड़ी नहीं है तो इससे दिक्कत हो सकती है। जब हमारे पास अक शानदार बैकअप है तो क्यों ना हम कुछ जिम्मेदारी खिलाड़ियों को भी दें जिससे की वो टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकें।