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रमन लांबा ने शानदार जिंदगी जी : किम

इस सोलह (सिक्सटीन) में कुछ भी स्वीट नहीं है। शनिवार (22 फरवरी) को पूर्व टेस्ट क्रिकेटर रमन लांबा की सोलहवीं पुण्य तिथि है। 1

By Edited By: Published: Sat, 22 Feb 2014 02:11 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2014 02:19 PM (IST)

क्लेटन मुर्जेलो (मिड-डे), मुंबई। इस सोलह (सिक्सटीन) में कुछ भी स्वीट नहीं है। शनिवार (22 फरवरी) को पूर्व टेस्ट क्रिकेटर रमन लांबा की सोलहवीं पुण्य तिथि है। 1998 में ढाका (बांग्लादेश) में मोहम्मडन के खिलाफ क्लब मैच में अबाहानी की ओर से क्षेत्ररक्षण करते समय उनके सिर में गेंद लगी थी और तीन दिन बाद उनका निधन हो गया था। उनके परिवारऔर दोस्तों को कभी नहीं लगता है कि पूर्व भारतीय बल्लेबाज अब उनके बीच नहीं है। 38 वर्षीय रमन उस समय हेल्मेट नहीं पहने थे, जब मोहम्मडन के मेहराब हुसैन का करारा शॉट उनकी कनपटी से टकराकर विकेट कीपर खालिद मसूद के पास पहुंच गया था। उसके बाद रमन कभी उस खेल को खेलने के लिए मैदान पर नहीं लौट सके, जिसे वह सबसे ज्यादा प्यार करते थे। रमन ने अपने करियर में चार टेस्ट और 32 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे। उनकी आयरिश पत्नी किम, जो अपने बच्चों जैस्मिन (21) और कामरान (19) के साथ पुर्तगाल में बस गई हैं ने अपने दिवंगत पति के बारे में बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश..

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रमन की हर पुण्य तिथि दुखद यादें लेकर आती होगी। आपने किस तरह सामना किया?

इस तरह की घटना से उबरने के लिए एक ही रास्ता था कि यह मान लिया जाए कि रमन अपनी जिंदादिल और शानदार जिंदगी पूरी कर चुका था। मैं शुक्रगुजार हूं कि मैंने उसके साथ दस साल गुजारे। इस दौरान हमारे दो बेहद प्यारे बच्चे जैस्मिन और कामरान हुए।

क्या आप उस दुखद घटना को पूरी तरह भुला चुकी है?

यह तो संभव नहीं है। जख्म काफी गहरा था और भरने में वक्त लगेगा।

क्या आपने कभी सोचा कि काश रमन हेल्मेट पंहने होते?

शुरुआत में घंटों इसी बारे में सोचती रहती थी। लेकिन बाद में प्रयास किया कि मैं इस बारे में ज्यादा न सोचूं। नियति अपना खेल खेल चुकी थी, इसको बदला नहीं जा सकता था। फिर मुझे अपने बच्चों को भी देखना था। जैस्मिन उस समय पांच और कामरान तीन साल का था।

आपने पुर्तगाल में बसने का ंफैसला क्यों किया?

रमन के न रहने के बाद मेरा काम अच्छा नहीं चल रहा था। जिंदगी अधूरी हो गई थी। मेरे लिए बच्चे महत्वपूर्ण थे। इसलिए मैंने भारत और आयरलैंड के अलावा किसी अन्य जगह बसने का फैसला किया, जहां नई जिंदगी शुरू की जा सके। मैंने मेडेरिया में एक साल अखबार में काम किया था, उन्होंने मुझे दोबारा प्रस्ताव दिया तो मैं पुर्तगाल आ गई। अब हमारा अपना व्यवसाय है, जिसमें जैस्मिन मदद करती है और कामरान पढ़ रहा है।

रमन के दोस्तों में से किससे आपका लगातार संपर्क है?

क्रिकेटरों में मेरी मनोज (प्रभाकर), मोहिंदर (अमरनाथ), अजय (शर्मा) और भास्कर (पिल्लै) से बात होती रहती है। सभी बेहद अच्छे हैं। उनके अलावा भी कई करीबी दोस्तों से अभी भी संपर्क में हूं।


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