पटरी पर आया पुणे का अभियान
सौरव गांगुली के कैब अध्यक्ष बनने के बाद से ईडन गार्डेंस की पिच हरी-भरी हो गई है।
सुनील गावस्कर कलम से
दो टीमें कोलकाता और पुणे ने इस धारणा को गलत साबित किया कि लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमें अधिकतर मौकों पर जीत दर्ज करती हैं। अब बुधवार को ये ही दोनों टीमें एक-दूसरे के आमने-सामने होंगी। इस मुकाबले में उतरते वक्त दोनों की नजरें अंक तालिका पर भी होगी। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के खिलाफ कोलकाता नाइटराइडर्स ने दिखाया कि अगर खुद पर विश्वास हो तो किसी भी हालात और मजबूत से मजबूत प्रतिद्वंद्वी पर भी जीत दर्ज की जा सकती है। एक दिन बाद मुंबई में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट ने सितारा बल्लेबाजों से सजी मुंबई टीम के खिलाफ लक्ष्य का बचाव किया और प्लेऑफ की अपनी उम्मीदों को वापस पटरी पर लेकर आए।
सौरव गांगुली के कैब अध्यक्ष बनने के बाद से ईडन गार्डेंस की पिच हरी-भरी हो गई है। उन्होंने गेंदबाजों को यह अवसर मुहैया कराया है कि उनकी गेंदें अच्छी तेजी और ऊंचाई पर विकेटकीपर के दस्तानों तक पहुंचे। बारिश के चलते पिच पर गेंद स्विंग कर रही है और उस पर अच्छा बाउंस है। तेज गेंदबाज मानो अपनी शतरें पर गेंदबाजी कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि विपक्षी टीम का कोई भी बल्लेबाज हालात से पार पाने की कोशिश करता नहीं दिख रहा है। इसके चलते कोलकाता को इतनी बड़ी जीत मिली जिससे उसका नेट रन रेट काफी बढ़ गया।
वहीं, मुंबई को जो लक्ष्य मिला था, टीम की मजबूत बल्लेबाजी को देखते हुए उसे आसानी से इसे हासिल कर लेना चाहिए था। बावजूद इसके पुणे के कभी हार न मानने के जज्बे के चलते मुंबई की टीम लक्ष्य से थोड़ा पहले ही ठिठक गई। खासकर बेन स्टोक्स का हर विभाग में जी-जान लगा देने वाला रवैया देखकर बहुत खुशी हुई। ऐसे बहुत अधिक क्रिकेटर नहीं हैं, जो इतने प्रतिबद्ध होते हैं जितना कि स्टोक्स हैं। उनका एनर्जी का स्तर तो बेमिसाल है। कप्तान स्टीव स्मिथ का मुंबई के खतरनाक बल्लेबाज कीरोन पोलार्ड का भागते हुए कैच पकड़ना यह साबित करता है कि पुणे की टीम मैच जीतने के लिए कितनी समर्पित है।
इस तरह का निडर क्रिकेट खेलने वाली इन दोनों टीमों का मुकाबला देखने का कोई मौका नहीं छोड़ा जा सकता। मगर ईडन और वानखेड़े जैसे मैदानों की भी मैचों में अपनी एक भूमिका होती है। (पीएमजी)
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