गुलाबी क्रांति : आस्ट्रलिया में लिखी जाएगी टेस्ट क्रिकेट की नई इबारत
138 साल पुराने पारंपरिक पांच दिवसीय क्रिकेट का चेहरा पहली बार बदला-बदला सा नजर आएगा जब शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमें एडिलेड में गुलाबी गेंद के साथ पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने उतरेंगी।
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क । 138 साल पुराने पारंपरिक पांच दिवसीय क्रिकेट का चेहरा पहली बार बदला-बदला सा नजर आएगा जब शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमें एडिलेड में गुलाबी गेंद के साथ पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने उतरेंगी।
टेस्ट प्रारूप को 21वीं सदी का जामा पहनाने के प्रयासों में जुटे प्रशासकों को उम्मीद है कि गुलाबी गेंद से खेले जाने वाले इस मैच को लेकर दर्शकों का कौतूहल जागेगा और मैच देखने के लिए ज्यादा से ज्यादा दर्शक स्टेडियम का रुख करेंगे। स्थानीय समयानुसार खेल दोपहर दो बजे से रात नौ बजे तक खेला जाएगा।
एक नजर ऐतिहासिक मैच के बारे में कुछ रोचक जानकारियों पर।
मैदान
एडिलेड मैदान पर क्रिकेट इतिहास का पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेला जाएगा। इस मैदान पर पहला मुकाबला 1884 में खेला गया था, तब से अभी तक इस मैदान पर 146 टेस्ट खेले जा चुके हैं।
गुलाबी गेंद
डे-नाइट टेस्ट मैच की ही तरह गुलाबी गेंद का भी पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय मैच में प्रयोग होगा। वैसे तो टेस्ट मैच में लाल गेंद प्रयोग होती है, लेकिन फ्लड लाइट में इसकी दृश्यता कम हो जाती है।
बना रहेगा गेंद का रंग
दिन ढलने के बाद लाल गेंद की दृश्यता कम हो जाती है, गुलाबी गेंद के साथ भी ऐसी आशंका जताई जा रही हैं, गेंद बनाने वाली ऑस्ट्रेलियाई कंपनी कूकाबूरा के अनुसार उन्होंने गेंद पर अतिरिक्त परत का इस्तेमाल किया है ताकि गेंद का रंग लंबे समय तक बना रहे।
ट्रायल
वैसे तो गुलाबी गेंद का इस्तेमाल आधिकारिक रूप से अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन इसकी गुणवत्ता और दृश्यता को नापने के लिए इसका कई बार ट्रायल हो चुका है। न्यूजीलैंड की टीम को इसका अभ्यस्त बनाने के लिए इसी सप्ताह वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया एकादश के साथ हुए दो दिवसीय वार्म अप मैच को गुलाबी गेंद से खेला गया।