श्रीनिवासन पर बरसे मनोहर, और शुरू हुई कलह..
बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर और मौजूदा बीसीसीआइ सचिव संजय पटेल गुरुवार को वाकयुद्ध में उलझ गए। मनोहर ने तमिलनाडु के शक्तिशाली अधिकारी एन श्रीनिवासन के बोर्ड अध्यक्ष पद पर बने रहने को लेकर काफी तीखी प्रतिक्रिया दी थी जो पटेल को पसंद नहीं आई।
मुंबई। बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर और मौजूदा बीसीसीआइ सचिव संजय पटेल गुरुवार को वाकयुद्ध में उलझ गए। मनोहर ने तमिलनाडु के शक्तिशाली अधिकारी एन श्रीनिवासन के बोर्ड अध्यक्ष पद पर बने रहने को लेकर काफी तीखी प्रतिक्रिया दी थी जो पटेल को पसंद नहीं आई।
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साफ छवि वाले प्रशासक रहे मनोहर ने अखबार को दिए साक्षात्कार में श्रीनिवासन की काफी आलोचना की थी। मनोहर ने कहा था, 'अगर आपमें थोड़ा सा भी आत्मसम्मान और विवेक है और आपको बोर्ड का ख्याल होता तो आप अपने दामाद के गिरफ्तार होने के तुरंत बाद इस्तीफा दे देते। आपने ऐसा कुछ नहीं किया और इसके परिणामस्वरूप बोर्ड की छवि को इतना नुकसान पहुंचा कि अब लोगों का इस बोर्ड पर भरोसा ही खत्म हो गया है।' पेशे से वकील मनोहर ने श्रीनिवासन पर बीसीसीआइ की छवि को महज चार महीने के अंदर धूमिल करने का आरोप लगाया, जिसे बोर्ड ने कई वर्षो में कमाया था।
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वहीं पटेल ने मनोहर के खिलाफ इतनी आक्रामकता नहीं बरतते हुए कहा कि मनोहर का बयान उन्हें पसंद नहीं आया। पटेल ने मुंबई में मार्केटिंग समिति की बैठक के बाद कहा, 'मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि अगर कोई पूर्व बीसीसीआइ अधिकारी बोर्ड में अपने साथी के बारे में कोई टिप्पणी कर रहा है तो उसे इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि बीसीसीआइ सभी अधिकारियों की मदद से चल रही है। मेरी व्यक्तिगत राय है कि यह सभी अधिकारियों की एकजुट जिम्मेदारी है। एक को खुद को अन्य से अलग नहीं कर देना चाहिए।' मनोहर ने हाई कोर्ट में हलफनामा सौंपा है और इसमें अपना नाम बीसीसीआइ के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर किए मामलों से बाहर रखने को कहा है। बीसीसीआइ ने मनोहर के बोर्ड के खिलाफ कानूनी मामले से अपना नाम हटाने के प्रयास पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है और पटेल ने कहा कि उनका यह कदम जिम्मेदारी से बचने वाला है।
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