खुल गया राज! अश्विन-जडेजा को मिली इस 'गलती की सजा' और हो गए टीम से बाहर
मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने भले ही इन दोनों को आराम देने का बहाना बनाया हो, पर सच्चाई ये है कि इन्हें टीम से बाहर किया गया है।
नई दिल्ली, [अभिषेक त्रिपाठी]। पिछले घरेलू सत्र में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 से पराजित किया था और उसमें रवींद्र जडेजा व रविचंद्रन अश्विन की स्पिन जोड़ी ने कमाल का प्रदर्शन किया था। वहीं, धर्मशाला टेस्ट में चाइनामैन कुलदीप यादव ने जीत की आधारशिला रखी थी। अब भारतीय चयनकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 17 सितंबर से शुरू हो रही पांच मैचों की वनडे सीरीज के शुरुआती तीन मुकाबलों के लिए चुनी टीम में दायें हाथ के ऑफ ब्रेक गेंदबाज अश्विन और बायें हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिनर जडेजा को आराम का बहाना बनाकर बाहर किया है, जबकि श्रीलंका दौरे में अच्छा प्रदर्शन करने वाले युवा कुलदीप, युजवेंद्र चहल और अक्षर पटेल को मौका दिया गया है।चयनकर्ताओं व कप्तान विराट कोहली के दिमाग में कुछ अलग ही चल रहा है और उन्हें लगता है कि इस ऑस्ट्रेलियाई दौरे से उन्हें इंग्लैंड में होने वाले 2019 विश्व कप के संभावित मिल सकते हैं।
क्या फायदेमंद होगा ये प्रयोग
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पिछली दो घरेलू टेस्ट सीरीज में मात दी। इसमें अश्विन ने आठ मैचों में 50 और जडेजा ने इतने ही मैचों में 49 विकेट लिए, लेकिन वनडे में यह कहानी बदल जाती है। यही वजह है कि 2013 में अश्विन-जडेजा की मौजूदगी के बावजूद भारत सात मैचों की सीरीज इस टीम के खिलाफ बमुश्किल जीत पाया था। अश्विन उस सीरीज के छह मैचों में 37.22 की औसत से नौ और जडेजा इतने ही मैचों में 41.87 की औसत से आठ विकेट ले पाए थे। यही कारण है कि इस बार चयनकर्ताओं ने कलाई के स्पिनरों पर भरोसा किया है। कुलदीप और चहल दोनों ही कलाई के सहारे गेंद फेंकते हैं और स्पिन ट्रैक नहीं होने के बावजूद बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं। अक्षर भी प्रबंधन के चहेतों की लिस्ट में हैं। श्रीलंका दौरे में अक्षर ने चार मैचों में छह, जबकि चहल ने पांच विकेट लिए थे। कुलदीप को भी जब मौका मिला तब वह भी उपयोगी साबित हुए।
स्पिनर ऐसा हो जो हर जगह गेंद घुमाए
जडेजा और अश्विन भारत की स्पिन पिचों पर होने वाले टेस्ट मैचों में बेहद खतरनाक रहते हैं। स्पोर्टिग विकेट पर उनका रिकॉर्ड थोड़ा कमतर है। विदेशी पिचों पर उनका हालिया प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी में ये दोनों कमजोर कड़ी साबित हुए। इसमें सबसे कम विकेट अश्विन ने ही लिए। वह तीन मैच में एक विकेट ले पाए, जबकि उन्होंने 167 रन खर्च किए। जडेजा पांच मैचों में चार विकेट ले सके और 252 गेंदों में 249 रन खर्च किए। अगला विश्व कप भी इंग्लैंड में होना है और इस साल के आखिर में भारत को द. अफ्रीका दौरे पर भी जाना है इसलिए चयनकर्ता और टीम प्रबंधन ऐसे गेंदबाजों की खेप तैयार करना चाहता है जो किसी भी पिच पर गेंद घुमा सके।
मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने भले ही इन दोनों को आराम देने का बहाना बनाया हो, पर सच्चाई ये है कि इन्हें टीम से बाहर किया गया है। अश्विन इस समय इंग्लैंड में हैं और इंग्लिश काउंटी में वूस्टरशर के लिए खेल रहे हैं। टूर्नामेंट में वह अब तक 280 से अधिक ओवर कर चुके हैं इसलिए इसमें आराम जैसी बात तो कतई नहीं नजर आती। वहीं, जडेजा अपने ट्वीट से जाहिर कर चुके हैं कि उन्हें यह फैसला हजम नहीं हुआ है। हालांकि बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था।’