संन्यास लेकर लौटा था ये खिलाड़ी, अाज इतिहास रचने की दहलीज पर है खड़ा
श्रीलंकाई जमीन पर जिंबाब्वे इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। कुछ क्रिकेटर ही ऐसे होते हैं जिनको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो या उससे ज्यादा मौके मिल पाते हैं और उनमें से भी चुनिंदा खिलाड़ी ही दोबारा अपनी छाप छोड़ पाते हैं। कड़ी प्रतिस्पर्धा के इस दौर में अगर आप ये सुनें कि कोई खिलाड़ी संन्यास लेकर लौटा और अब इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है, तो जाहिर तौर पर हैरानी होगी ही। ऐसा ही कुछ श्रीलंकाई जमीन पर मुमकिन होता दिख रहा है।
- बस 7 विकेट दूर
जिंबाब्वे और श्रीलंका के बीच कोलंबो में खेला जा रहा एकमात्र टेस्ट मैच अब रोमांचक स्थिति में जा पहुंचा है। वनडे सीरीज में एतिहासिक जीत दर्ज करने वाली जिंबाब्वे की टीम ने श्रीलंका को 388 रनों का लक्ष्य दिया है और श्रीलंकाई टीम चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक 170 रन पर अपने तीन विकेट गंवा चुकी है। श्रीलंका को अंतिम दिन (मंगलवार) जीत के लिए 218 रनों की जरूरत है जबकि जिंबाब्वे को एतिहासिक जीत दर्ज करने के लिए कुल 7 विकेट चाहिए। अगर जिंबाब्वे ऐसा करने में सफल रही तो वनडे के बाद ये श्रीलंका में उनकी पहली टेस्ट जीत भी बन जाएगी। आपको बता दें कि जिंबाब्वे ने 1992 से लेकर आज तक टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ 11 मैच ही जीते हैं। वहीं, श्रीलंका के खिलाफ आज तक खेले 18 टेस्ट मैचों में वो कभी भी नहीं जीत पाए, न अपने घर में न उनके घर में। अगर वो ये जीत दर्ज करने में सफल रहे तो उनका वो सपना पूरा हो जाएगा जो शायद सीरीज से पहले उन्होंने देखा भी नहीं होगा। जिंबाब्वे के सामने सिर्फ एक चुनौती है और वो हैं कुसल मेंडिस जो 60 रन बनाकर पिच पर टिके हुए हैं।
- हर जगह गूंजेगा एक नाम..क्रेमर, क्रेमर
अगर जिंबाब्वे की टीम ने ये जीत हासिल की तो दुनिया भर में उनके करोड़ों फैंस के बीच एक नाम की गूंज सबसे ज्यादा सुनाई देगी और वो हैं उनके 30 वर्षीय कप्तान ग्रीम क्रेमर। क्रेमर की कप्तानी में ही उन्होंने वनडे सीरीज जीती और अब टेस्ट सीरीज जीतने की दहलीज पर हैं। यही नहीं, क्रेमर इस टेस्ट में हीरो की भूमिका भी निभा रहे हैं। इस ऑलराउंडर कप्तान ने मैच की पहली पारी में 5 विकेट झटके। जिंंबाब्वे के किसी कप्तान द्वारा पहली बार एक पारी में पांच विकेट लेने का कमाल हुआ है। इसके बाद दूसरी पारी में कठिन स्थितियों में नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 48 रनों की पारी खेल डाली। उन्हीं की पारी के दम पर अंत में स्कोर 377 रन तक जा पहुंचा। वहीं, दूसरी पारी में गेंदबाजी करते हुए अब तक वो श्रीलंका के तीन विकेटों में दो विकेट भी अपने नाम दर्ज कर चुके हैं।
- चार साल पहले ले लिया था संन्यास
आज से चार साल पहले जिंबाब्वे के क्रिकेट बोर्ड से मतभेदों के चलते क्रेमर ने अचानक संन्यास का एलान कर दिया था। इसके बाद वो एक पेशेवर गोल्फ खिलाड़ी बनने की तैयारी में थे लेकिन अचानक दो साल बाद ट्विस्ट आया और 2015 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर ली। उस दौरान उनका चयन पाकिस्तान दौरे के लिए टीम में हुआ था। साल 2005 में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज करने वाले क्रेमर को 2016 में पहली बार जिंबाब्वे का कप्तान चुना गया। उस दौरान जिंबाब्वे का मुकाबला भारत से चल रहा था। वो वनडे सीरीज तो हार गए लेकिन पहले टी20 मैच में भारत को दो विकेट से हराकर क्रेमर ने पहली बार एक अच्छा कप्तान होने की झलक दिखाई। इसके बाद से कुछ समय तक उनकी टीम का सफर अच्छा नहीं रहा लेकिन श्रीलंका के खिलाफ मौजूदा दौरे में वनडे सीरीज जीतकर उन्होंने अपनी अलग पहचान बना ली। ये जिंबाब्वे के क्रिकेट इतिहास की चौथी सीरीज जीत साबित हुई। क्रेमर अब तक 16 टेस्ट, 81 वनडे और 27 टी20 मैच खेल चुके हैं।
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