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ऐतिहासिक मैच में टीम इंडिया की ये जीत इसलिए भी रही खास

कानपुर में खेले गए ऐतिहासिक 500वें टेस्ट में भारत ने न्यूज़ीलैंड पर 197 रन की बड़ी जीत हासिल की। ये जीत भारत की 130वीं टेस्ट जीत रही।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 12:59 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 03:45 PM (IST)

नई दिल्ली। कानपुर में खेले गए ऐतिहासिक 500वें टेस्ट में भारत ने न्यूज़ीलैंड पर 197 रन की बड़ी जीत हासिल की। कानपुर में जीत हासिल करते ही भारतीय टीम ने तीन टेस्ट मैच की इस सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली है। इस मैच को ना सिर्फ भारत की जीत और ऐतिहासिक 500वें टेस्ट के लिए याद किया जाएगा बल्कि कुछ और भी है जिसने इस टेस्ट को खास बना दिया। आइए देखते है क्या है वो

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भारत की 130वीं टेस्ट जीत

ऐतिहासिक 500वें टेस्ट में 197 रनों की जीत भारत की 130वीं टेस्ट जीत है। इस टेस्ट में दोनों टीमों की ओर से 10 अर्धशतक लगे मगर कोई शतक नहीं लगा। वर्ल़्ड क्रिकेट में ये दूसरा मौका रहा जब एक टेस्ट मैच में 10 अर्धशतक लगे हों, लेकिन कोई सेंचुरी ना लगी हो।

'असरदार अश्विन' का एक और कमाल

अश्विन ने कानपुर में अपने टेस्ट करियर के 200 विकेट तो पूरे किए। इसके साथ ही वो सबसे तेज़ी से इस मुकाम पर पहुंचने एशिया में पहले और दुनिया में दूसरे नंबर के गेंदबाज़ बन गए। इस टेस्ट की दूसरी पारी में अश्विन ने 6 शिकार किए। अश्विन ने 36 टेस्ट मैच खेले हैं और उन्होंने 19 बार फाइव विकेट हॉल अपने नाम किया है।

जडेजा को ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए मिला मैन ऑफ द मैच

इसके साथ ही जडेजा ने इस टेस्ट की पहली पारी में नाबाद रहते हुए 42 रन की पारी खेली तो दूसरी पारी में भी उन्होंने नाबाद 50 रन बनाए। पहली पारी में जडेजा ने 5 कीवी बल्लेबाज़ों का शिकार किया। जडेजा ने अभी तक टीम इंडिया के लिए 19 टेस्ट खेले हैं और 5 बार उन्होंने फाइव विकेट हॉल अपने नाम किया है। जडेजा को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन आफ द मैच के अवॉर्ड से नवाज़ा गया।

8 साल बाद हुआ ये कारनामा

इस टेस्ट में भारत के टॉप-3 बल्लेबाज़ों ने दोनों पारियों में 30 से ज़्यादा रन बनाए। ऐसे 8 साल बाद हुआ जब भारत के टॉप-3 बल्लेबाज़ों ने ये कारनामा किया हो। इससे पहले भारतीय बल्लेबाज़ों ने 2008 में मोहाली के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था।

दूसरा सबसे बड़ा टारगेट

इसके साथ ही इस मैच में कुछ ऐसा भी हुआ वो इससे पहले भारत- न्यूज़ीलैंड मैच में सिर्फ एक बार हुआ था। दरअसल 434 रन का लक्ष्य भारत द्वारा न्यूज़ीलैंड को दिया गया दूसरा सबसे बड़ा टारगेट है। इससे पहले 2008-09 में भारत ने न्यूज़ीलैंड को 619 रन का टारगे ट दिया था, वो भी तब जब भारतीय टीम न्यूज़ीलैंड के दौरे पर गई थी। वेलिंग्टन में खेला गया वो टेस्ट मैच हुए ड्रा रहा था।

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