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सिर्फ कोहली के भरोसे कुछ नहीं होगा, बाकी बल्लेबाजों को भी करना होगा कमाल

भारत को तीसरे वनडे में जीतना है तो अपनी बल्लेबाजी को केवल विराट कोहली पर निर्भर नहीं रहने देना होगा।

By bharat singhEdited By: Published: Sat, 22 Oct 2016 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2016 05:12 PM (IST)
सिर्फ कोहली के भरोसे कुछ नहीं होगा, बाकी बल्लेबाजों को भी करना होगा कमाल

मोहाली, अभिषेक त्रिपाठी। जिस तरह भारतीय टीम पहले सचिन तेंदुलकर पर निर्भर थी वैसे ही अब उसकी निर्भरता विराट कोहली पर होती जा रही है। इस निर्भरता को अगर कम नहीं किया गया तो आगे भारतीय टीम को ज्यादा परेशानी हो सकती है। पिछले तीन सालों में जब-जब कोहली ने रन बनाए हैं तब-तब भारत के जीतने का प्रतिशत अधिक रहा है। धर्मशाला में हुए पहले वनडे में भी विराट ने नाबाद अर्धशतक ठोककर एक छोर संभाले रखा था जिसके कारण भारत को आसान जीत मिली थी, लेकिन फिरोजशाह कोटला में टेस्ट कप्तान के आउट होने के बाद मेजबान टीम को न्यूजीलैंड से पराजय का सामना करना पड़ा। इस मैच में भारतीय टीम छह रन के अंतर से हार गई और मेहमान ब्लैककैप्स को इस सीरीज में अपनी पहली जीत भी नसीब हुई। अब भारतीय टीम सीरीज के बाकी बचे तीन मुकाबलो में शानदार प्रदर्शन कर इस हार को भुलाना चाहेगी।

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दूसरे वनडे के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा भी कि हमें नियमित अंतराल में विकेट गंवाना महंगा पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर आप पूरे मैच को देखें तो हमने यदि कोई साझेदारी निभाई तो उसके बाद फिर विकेट गंवाए। कोटला की पिच पर रन बनाना मुश्किल नहीं था। अगर बल्लेबाज दस प्रतिशत और योगदान देते तो हम मैच जीत सकते थे। यह किसी एक बल्लेबाज की नहीं, बल्कि पूरी इकाई की जिम्मेदारी थी। पिच भले ही मैच आगे बढ़ने के साथ धीमी होती जा रही थी, लेकिन इस विकेट पर लक्ष्य हासिल किया जा सकता था।

ओपनरों को करनी होगी मेहनत

भारत को पहले वनडे में सिर्फ 191 रनों का पीछा करना था जिससे भारतीय बल्लेबाजों का काम आसान हो गया था। दूसरे वनडे में भी 250 रनों से कम लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारतीय ओपनर बड़ी पारी खेलने में असफल रहे। इस पिच पर टिककर खेलने की दरकार थी, लेकिन पांचवें ओवर में ही ओपनर रोहित सिर्फ 15 रन पर चलते बने। रहाणे इस मैच में भी 28 रन ही बना पाए। केएल राहुल और शिखर धवन के चोटिल होने के कारण भारत रहाणे को रोहित के साथ ओपनिंग में उतार रहा है। इन दोनों के अलावा मनीष पांडेय भी कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं। वह भी 17-18 के फेर से आगे नहीं निकल पा रहे हैं।

पांडेय को यह समझना होगा कि टीम इंडिया में उन्हें खुद को साबित करने का जो मौका मिला है वह आगे नहीं मिलेगा। वह चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतर रहे हैं जो बेहद महत्वपूर्ण बल्लेबाजी क्रम है। इस नंबर पर सचिन तेंदुलकर उतरते रहे हैं। ऐसे में मनीष को और जिम्मेदारी से बल्लेबाजी करनी होगी। नहीं तो सुरेश रैना फिट होते ही अंदर आ जाएंगे और धौनी उन्हें चौथे नंबर पर उतारने में कोई कोताही नहीं दिखाएंगे। खास बात ये है कि रैना कुछ ओवर भी फेंककर अतिरिक्त गेंदबाज की कमी पूरी कर देते हैं।

मैच फिनिशर धौनी की भी जिम्मेदारी

भारतीय वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धौनी भी लंबे समय से बड़ी पारी के लिए तरस रहे हैं। पहले वनडे में वह रन आउट हो गए तो दूसरे वनडे में वह आखिरी दस ओवरों से पहले ही चलते बने। भले ही वह सीनियर खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में पांचवें नंबर पर उतर रहे हों, लेकिन अभी भी मैच फिनिशिंग के लिए टीम उन्हीं पर निर्भर है। वह शुरुआत में धीमा खेलते हैं जिसके कारण नीचे क्रम के बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने पड़ते हैं। अभी निचले क्रम के पास उतना अनुभव नहीं है जिसे धौनी आसानी से झेल लेते हैं। अगर रन रेट बढ़ जाता है और धौनी आउट हो चुके होते हैं तो फिर भारत के जीतने के मौके कम हो जाते हैं। हालांकि दिल्ली में हार्दिक पांड्या (36) ने निचले क्रम में उतरकर 10वें नंबर के बल्लेबाज उमेश यादव (नाबाद 18) के साथ 49 रनों की साझेदारी कर मैच में भारत की वापसी कराई, लेकिन वह जीत नहीं दिला पाए। जब धौनी से पूछा गया कि क्या वह हार्दिक को मैच फिनिश करने के बारे में सिखाएंगे तो उन्होंने कहा कि यह उसके प्रति कड़ी टिप्पणी होगी। समय के साथ उसे सीख मिलेगी कि मैच एक ओवर पहले समाप्त करना है या उसे आखिरी ओवर तक ले जाना है।

पहले गेंदबाजी करने के फैसले का किया बचाव

धौनी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने के निर्णय का भी बचाव किया और मोहाली में रविवार को होने वाले तीसरे वनडे में भी वह ऐसा कर सकते हैं। धौनी ने कहा कि यदि हमें थोड़ा भी आभास होता है कि ओस पड़ेगी तो हम पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला करते हैं। हम जानते हैं कि ओस पड़ने पर हमारे स्पिनर अधिक प्रभावी नहीं होते इसलिए जब भी ऐसा होता है तो हमारी प्राथमकिता बाद में बल्लेबाजी करने की होती है।

जीत से बढ़ गया है हमारा आत्मविश्वास: विलियमसन

न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने भारत के खिलाफ यहां खेले गए दूसरे वनडे में कसी गेंदबाजी के लिए अपने गेंदबाजों की प्रशंसा की और कहा कि महेंद्र सिंह धौनी का टिम साउथी द्वारा लिया गया रिटर्न कैच जीत में काफी अहम रहा। उन्होंने कहा कि निश्चित ही इस जीत से हमारी टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है, क्योंकि लगातार भारत दौरे पर तीन टेस्ट और एक वनडे हारने के बाद हम जीत की तलाश कर रहे थे। इससे टीम का मनोबल बढ़ेगा और हम आगे के तीन मैचों में बेहतर प्रदर्शन कर वापसी की कोशिश करेंगे।

जब विलियमसन से पूछा गया कि उनके गेंदबाजों और क्षेत्ररक्षकों ने कोटला में इतने कम स्कोर का बचाव करने में कैसे मदद की तो उन्होंने कहा, 'धौनी जैसे खिलाड़ी मैच फिनिशर हैं, अगर उन्हें उनके शॉट खेलने दिये जाएं तो वह सर्वश्रेष्ठ हैं। वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। उनका कैच हमारे लिए काफी अहम रहा। कोटला की इस तरह की पिच पर आपको बल्लेबाजों पर दबाव बनाने के लिए कुछ विशेष क्षेत्रों में गेंदबाजी करनी होती है। ओस के कारण गेंद गीली थी, इसे देखते हुए हमारे गेंदबाजों का प्रयास काफी अच्छा था।'

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