कैसे रहेगा क्रिकेट साफ, जब ये लोग ही देंगे इसको बढ़ावा
एक तरफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) क्रिकेट के खेल को साफ रखने की बात करता है और दूसरी तरफ उसी के आसपास लोग इस खेल को गंदा करने में जुटे रहते हैं। कोई बयान देकर खिलाड़ियों को मैदान पर अजीब हरकतें करने के लिए उकसा रहा है तो कोई तरीके बताकर।
नई दिल्ली। एक तरफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) क्रिकेट के खेल को साफ रखने की बात करता है और दूसरी तरफ उसी के आसपास लोग इस खेल को गंदा करने में जुटे रहते हैं। कोई बयान देकर खिलाड़ियों को मैदान पर अजीब हरकतें करने के लिए उकसा रहा है तो कोई तरीके बताकर। जेम्स एंडरसन-रवींद्र जडेजा मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं पड़ा था कि आए दिन कहीं ना कहीं से ऐसी खबरें आ रही है जो एंडरसन को दोबारा उकसाने का काम कर रही हैं। मुमकिन है कि फिर वैसी हरकत मैदान पर पेश आए।
जेम्स एंडरसन और रवींद्र जडेजा के बीच हुई कहासुनी व धक्कामुक्की वाले मामले में कई लोगों के बयान आए और इस पर कई लोगों ने अपनी राय रखी। दोनों खिलाड़ियों को आइसीसी की तरफ से चेतावनी भी दी गई लेकिन क्या इससे ये खिलाड़ी सुधरेंगे, वो भी तब जब कुछ लोग उन्हें उकसाने का काम कर रहे हैं। एक तरफ हैं इंग्लैंड के कप्तान एलेस्टर कुक जिनको गर्म होते माहौल में एंडरसन को समझाना चाहिए था लेकिन उन्होंने आग में घी छिड़कने का काम किया और कहा कि मैदान पर एंडरसन अपना आक्रामक रुख अपनाकर रखें, भले कोई कुछ भी कहता रहे।
वहीं, दूसरी तरफ हैं इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन जिन्होंने ये कहकर खलबली मचा दी है कि जेम्स एंडरसन व अन्य इंग्लिश खिलाड़ियों को भारतीय टीम के खिलाफ छींटाकशी जारी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एंडरसन चाहें तो दोबारा छींटाकशी करें लेकिन भारतीय टीम को शिकायत करने का मौका ना दें। ऐसे में क्या खिलाड़ियों से सुधरने की उम्मीद की जा सकती है? आइसीसी अगर मैदान पर हरकतें करने वाले खिलाड़ियों पर एक्शन लेने को तैयार रहता है तो कुक जैसे उन खिलाड़ियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती जो कि इसको उकसाने का काम करते हैं, या फिर कमेंट्री बॉक्स में मौजूद वॉन जैसे उन कमेंटेटरों पर लगाम क्यों नहीं कसी जाती जो कि खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा माने जाते हैं लेकिन समय-समय पर ऐसे बयान देकर खलबली मचाते रहते हैं।