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कब तक फाइनल का सपना देखती रहेगी द. अफ्रीका?

विश्व कप के सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को न्यूजीलैंड के हाथों पराजय मिली और एक बार उसने साबित कर दिया कि ब़़डे मैचों में वह क्यों चोकर्स कहलती है। 43 ओवर में 298 रनों जितना ब़़डा स्कोर भी दक्षिण अफ्रीका नहीं बचा सकी।

By Murari sharanEdited By: Published: Tue, 24 Mar 2015 05:16 PM (IST)Updated: Tue, 24 Mar 2015 07:38 PM (IST)
कब तक फाइनल का सपना देखती रहेगी द. अफ्रीका?

ऑकलैंड। विश्व कप के सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को न्यूजीलैंड के हाथों पराजय मिली और एक बार उसने साबित कर दिया कि ब़़डे मैचों में वह क्यों चोकर्स कहलती है। 43 ओवर में 298 रनों जितना ब़़डा स्कोर भी दक्षिण अफ्रीका नहीं बचा सकी।

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अहम् मौकों पर फिर टीम ने अहम् गलतियां कीं और फाइनल का सपना ही देखती रह गई। पूरे मैच में दबाव अफ्रीकी टीम पर ही नजर आया। हालांकि इसमें बारिश ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विश्व कप में कब-कब दक्षिण अफ्रीकी अहम् मैचों में चूकी, इस पर नजर डालते हैं।

-1992 विश्व कप :

नौ टीमों के राउंड रॉबिन मैचों में दक्षिण अफ्रीका ने तीसरे स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई। लेकिन सेमीफाइनल में उनका अभियान इंग्लैंड के हाथों 20 रनों की हार के साथ खत्म हो गया। इसमें बारिश ने खलनायक की भूमिका निभाई। दक्षिण अफ्रीका जब जीत की ओर ब़़ढता दिखाई दे रहा था तभी बारिश आ गई। डकवर्थ--लुईस नियम के बाद उसके सामने एक गेंद में 22 रन बनाने की असंभव चुनौती थी।

-1996 विश्व कप :

द. अफ्रीका विश्व कप में समूह 'बी' में शीषर्ष स्थान पर रहा लेकिन क्वार्टर फाइनल में उसे वेस्टइंडीज के हाथों 19 रनों से हार झेलनी पड़ी। यह विश्व कप भारत-श्रीलंका में हुआ था। चैंपियन श्रीलंका बनीं।

-1999 विश्व कप :

एक बार फिर द.अफ्रीका सेमीफाइनल में हारा। द.अफ्रीका समूह 'ए' में वह शीषर्ष पर रहा और सुपर सिक्स में जगह बनाई। उसने तीसरे स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के साथ उसका मैच टाई रहा। दोनों टीमों ने 213-213 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया सुपर सिक्स में दूसरा स्थान पर था, इसलिए फाइनल में पहुंच गया। ये एक जबर्दस्त मैच था, जिसमें आखिरी जोड़ी के तौर पर लांस क्लूसनर व एलन डॉनल्ड पिच पर थे लेकिन हड़बड़ी में डॉनल्ड रनआउट हो गए।

- 2003 विश्व कप :

दक्षिण अफ्रीका का श्रीलंका से मैच टाई छूटा। वह डकवर्थ-लुईस नियम से रनों का सही आकलन नहीं कर पाया और इस तरह से पहले दौर में बाहर हो गया। यह विश्व कप दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में खेला गया था।

2007 विश्व कप :

समूह 'ए' में दक्षिण अफ्रीका दूसरे स्थान पर रहा। उसने सुपर एट में जगह बनाई, जिसमें टीम चौथे स्थान पर रही। सेमीफाइनल में द.अफ्रीका फिर मायूस हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने उसे फाइनल में जाने से रोक दिया।

2011 विश्व कप :

द.अफ्रीका को क्वार्टर फाइनल में हार मिली। द.अफ्रीकी की टीम ने समूह 'बी' में दूसरे स्थान पर रहकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, जहां उसे न्यूजीलैंड के हाथों 49 रनों से हार का सामना करना प़़डा।

2015 विश्व कप :

फिर द. अफ्रीका को न्यूजीलैंड के हाथों रोमांचक मैच में हार का सामना करना प़़डा। अफ्रीकी टीम पर दबाव साफ नजर आया। कई कैच छोडे़ और रनआउट के दो अहम् मौके भी गंवाए। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस टीम पर चोकर्स का दाग लगना गलत नहीं है और ये दाग मैदान पर बहाए गए आंसुओं से नहीं मिट सकते।

पढ़ें: द. अफ्रीकी फिर साबित हुए चोकर्स, न्यूजीलैंड पहली बार वर्ल्ड कप फाइनल में

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