'मिशन मैनचेस्टर' में धौनी के सामने ये होंगी 3 सबसे बड़ी चुनौती
टीम इंडिया अब इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में उतरने को तैयार है और अब भारतीय टीम के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धौनी के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है वो है मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में चयन की चुनौती। ये एक ऐसी चुनौती है जिससे पहले भी कप्तान धौनी बखूबी सफल होकर निकलते आए हैं लेकिन इस बार स्थि
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। टीम इंडिया अब इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में उतरने को तैयार है और अब भारतीय टीम के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धौनी के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है वो है मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में चयन की चुनौती। ये एक ऐसी चुनौती है जिससे पहले भी कप्तान धौनी बखूबी सफल होकर निकलते आए हैं लेकिन इस बार स्थिति नाजुक है, सीरीज 1-1 से बराबर है और धौनी को खिलाड़ियों को चुनने में फूंक-फूंक कर कदम रखना होगा क्योंकि यहां अगर हार मिली तो सीरीज की जीत का सपना तो हाथ से निकल ही जाएगा, साथ ही अंतिम टेस्ट में सीरीज हारने का डर सिर पर मंडराने लगेगा। आइए जानते हैं कि चयन व मैच से जुड़ी क्या हैं वो तीन चुनौती जिनसे धौनी को निपटना होगा..
1. पहली चुनौती:
धौनी के सामने इस समय जो सबसे बड़ी चुनौती है वो है टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज का बाहर बैठना। जी हां, इशांत शर्मा। लॉर्ड्स टेस्ट में भारत को जीत दिलाने के बाद वो जैसे ही बाहर बैठे, पूरा गेंदबाजी क्रम लड़खड़ा सा गया। धौनी ने उनकी जगह पंकज सिंह को अपने करियर का आगाज करने का मौका दिया लेकिन वो भी फ्लॉप हो गए। वहीं, अब खबर आ रही है कि भुवनेश्वर कुमार के टखने में भी सूजन आई हुई है और मैच से पहले ही उन पर कोई फैसला लिया जा सकेगा। टीम को दो प्रमुख गेंदबाज ही अगर चौथे टेस्ट से बाहर रहे तो जाहिर है कि फॉर्म में लौट चुकी इंग्लिश टीम को शिकस्त देना आसान नहीं होगा। इसके अलावा स्पिन डिपार्टमेंट में अश्विन अभी तक बेंच पर ही बैठे हैं और धौनी को उनको लेकर भी फैसला लेना ही होगा।
2. दूसरी चुनौती:
माही के सामने दूसरी सबसे बड़ी चुनौती होगी अपने बल्लेबाजी लाइन-अप के ओपनिंग क्रम को संभालना जो इस समय अजीब स्थिति में नजर आ रहा है। जिनसे (मुरली विजय) उम्मीद कम थी, वो फॉर्म में आ गए हैं और जिनसे (शिखर धवन) उम्मीदें ज्यादा थीं वो अब तक छह की छह पारियों में फ्लॉप साबित हुए हैं। ऐसे में क्या धौनी इस अहम मौके पर बदलाव करेंगे? जाहिर है कि धवन की जगह गौतम गंभीर ही सबसे बढि़या विकल्प होंगे। गंभीर टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से हैं और इंग्लैंड का उन्हें अच्छा-खासा अनुभव भी है, लेकिन वो लंबे समय के बाद वापसी कर रहे हैं, ऐसे में क्या धौनी ये रिस्क लेंगे ये एक बड़ा सवाल है।
3. तीसरी चुनौती:
टीम की फील्डिंग ने पिछले मुकाबलों में गजब का धक्का खाया है। दुनिया भर में इसका मजाक भी बना और आलोचना भी हुई। धौनी फील्डिंग सेट करने में माहिर माने जाते हैं लेकिन इस बार उनका कोई पैंतरा काम नहीं कर रहा। स्लिप हो या फिर लांग ऑन, कवर्स हो या मिड विकेट, हर जगह फील्डिंग का हाल बुरा नजर आ रहा है। कैच भी छूट रहे हैं और बाउंड्री भी जा रही हैं। अगर धौनी ने अपने खिलाड़ियों को अच्छी फील्डिंग के लिए प्रेरित नहीं किया तो मुश्किल बढ़ सकती है क्योंकि फिर चाहे अच्छी गेंदबाजी हो या अच्छी बल्लेबाजी.अगर फील्डिंग खराब रही तो मैच हाथ से निकलना तय माना जाता है इसलिए इस तीसरी चुनौती को भी कप्तान धौनी को गंभीरता से लेना होगा।
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