यूडीआरएस को लेकर फिर छिड़ी बहस
वर्तमान टेस्ट सीरीज में कुछ फैसले भारत के खिलाफ जाने के बाद वर्तमान और पूर्व क्रिकेटरों को लगता है कि अब समय आ गया है, जब बीसीसीआइ को विवादास्पद अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (यूडीआरएस) को मंजूरी दे देनी चाहिए। उनका मानना है कि इस तकनीक को स्वीकार नहीं करने का
नई दिल्ली। वर्तमान टेस्ट सीरीज में कुछ फैसले भारत के खिलाफ जाने के बाद वर्तमान और पूर्व क्रिकेटरों को लगता है कि अब समय आ गया है, जब बीसीसीआइ को विवादास्पद अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (यूडीआरएस) को मंजूरी दे देनी चाहिए। उनका मानना है कि इस तकनीक को स्वीकार नहीं करने का टीम को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों के दौरान कम से कम पांच अवसरों पर अंपायरों के फैसले भारत के खिलाफ गए जिसके कारण कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को भी कहना पड़ा कि मेहमान टीम को अधिक नुकसान हुआ, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि यूडीआरएस होने से भी उनकी टीम को खास मदद नहीं मिलती। लेकिन अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि अब भारत को यूडीआरएस को वर्तमान स्वरूप में स्वीकार कर लेना चाहिए क्योंकि करीबी टेस्ट मैचों में इससे टीम को ही फायदा होगा। हरभजन ने कहा, 'यदि आप देखें तो दोनों टेस्ट मैचों में भारत ने अच्छी चुनौती पेश की, लेकिन महत्वपूर्ण क्षणों में कुछ फैसले हमारे खिलाडिय़ों के खिलाफ चले गए। मैं चार फैसलों के बारे में बता सकता हूं। एडिलेड में पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में शिखर धवन को विकेट के पीछे कैच दिया गया। दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में पुजारा को विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया गया। इसके बाद दूसरी पारी में रोहित शर्मा और अश्विन के खिलाफ फैसले गए। यदि यूडीआरएस होता तो पक्का इन सभी फैसलों को बदल दिया जाता और हो सकता था कि हम दोनों मैचों में जीत की स्थिति में होते।
टेस्ट के विशेषज्ञ बल्लेबाज रहे वीवीएस लक्ष्मण हालांकि अब भी यूडीआरएस के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि उनका मानना है कि हॉट स्पॉट और हॉक आइ की सटीकता जैसे मसले अब भी नहीं सुलझाए जा सके हैं। लक्ष्मण ने कहा, 'जो भी फुलप्रूफ प्रणाली सही फैसले देती है उसका स्वागत है। मैं यूडीआरएस के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन इस प्रणाली को फुलप्रूफ बनने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है।