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पिच का मामला हुआ गंभीर, अब इनकी भी जा सकती है कुर्सी

ऑस्ट्रेलिया-भारत के बीच पुणे में हुआ पहला टेस्ट महज ढाई दिन ही चल सका जिस दौरान पूरे 40 विकेट गिरे और भारत को 333 रनों से हार मिली।

By ShivamEdited By: Published: Tue, 28 Feb 2017 09:56 PM (IST)Updated: Wed, 01 Mar 2017 09:52 PM (IST)
पिच का मामला हुआ गंभीर, अब इनकी भी जा सकती है कुर्सी
पिच का मामला हुआ गंभीर, अब इनकी भी जा सकती है कुर्सी

नई दिल्ली। पुणे की पिच को लेकर आइसीसी की नाराजगी के बाद अब ये विवाद धीरे-धीरे बढ़ता नजर आ रहा है। अब सालों से बीसीसीआइ के प्रमुख पिच क्यूरेटर रहने वाले दलजीत सिंह की कुर्सी भी खतरे में पड़ गई है। आइसीसी ने दलजीत की देखरेख में बनी पुणे की पिच को बेहद खराब करार दिया है, ऐसे में दलजीत की भूमिका को लेकर बीसीसीआइ भी सख्त होता दिख सकता है। ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच पुणे में हुआ सीरीज का पहला टेस्ट महज ढाई दिन ही चल सका जिस दौरान पूरे 40 विकेट गिरे और भारत को 333 रनों से हार मिली।

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गौरतलब है कि पुणे टेस्ट में हार के बाद से ही स्थानीय क्यूरेटर के साथ-साथ दलजीत सिंह पर भी सवाल उठने लगे थे। चर्चा यहां तक हुई कि दलजीत ने भारतीय टीम मैनेजमेंट के कहने पर अंतिम समय पर पिच को लेकर रणनीति बदल दी और नतीजा उल्टा भारत पर ही भारी पड़ गया। अब जब आइसीसी ने इस पिच के विवाद में कदम रख दिया है तो जाहिर है कि मामला अब आगे तक जाने वाला है। वैसे, नवंबर 2015 में भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच नागपुर में हुआ टेस्ट मैच भी पिच को लेकर चर्चा में आया था। वो मैच तीन दिन में खत्म हुआ था और उस पिच को भी आइसीसी ने बेहद खराब करार दिया था। वो पिच भी दलजीत सिंह की देखरेख में तैयार की गई थी।

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अब जब एक बार फिर आइसीसी ने दलजीत सिंह द्वारा तैयार करवाई गई पिच पर सवाल खड़े किए हैं तो कमिटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (सीओए) ने भी अपनी नजरें इस मामले पर बनाई हुई है। आइसीसी के नियमों के मुताबिक अब बीसीसीआइ सीइओ राहुल जोहरी को 14 दिन के अंदर जवाब भी देना है। अब दलजीत की कुर्सी इसलिए भी मुश्किल में नजर आ रही है क्योंकि न सिर्फ आइसीसी ने 14 महीने में दूसरी बार उनके द्वारा तैयार की गई पिच पर सवाल उठाए हैं बल्कि टीम मैनेजमेंट और बीसीसीआइ की तरफ से पुणे पिच को लेकर कोई लिखित आदेश भी नहीं दिया गया था। दलजीत सिंह की उम्र (79) की सवालों के घेरे में थी लेकिन लोढ़ा कमिटी द्वारा सुझाए गए सुधारों की लिस्ट में सिर्फ चयनकर्ताओं (60) और प्रशासकों (70) की अधिकतम उम्र को निर्धारित किया गया था।

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