दिल्ली के दो खिलाड़ियों को खेलने से रोकने की साजिश
दिल्ली में क्रिकेट की बदहाली का आलम चरम पर है और यहाँ के अधिकारियो का ध्यान क्रिकेटरों को खिलाने पर कम, क्रिकेट को बर्बाद करने में ज्यादा है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में क्रिकेट की बदहाली का आलम चरम पर है और यहाँ के अधिकारियो का ध्यान क्रिकेटरों को खिलाने पर कम, क्रिकेट को बर्बाद करने में ज्यादा है। दिल्ली रणजी के संभावितो की तीन-तीन लिस्ट जारी करने, रणजी टीम को कैंप में जरूरत का सामान न मुहैया करा पाने वाले, भारत-ए और द. अफ्रीका अभ्यास मैच और वीनू मांकड़ ट्राफी के मैचों के आयोजन में असमर्थ रहने वाले डीडीसीए के अधिकारी अब अंडर-19 खिलाड़ियोंको टीम में बाहर करने में जुट गए हैं।
डीडीसीए उपाध्यक्ष चेतन चौहान ने पिछले साल अंडर-19 टीम के ख़िलाड़ी मनजोत कालरा और हर्ष त्यागी सहित कुछ खिलाडीयो के खिलाफ गलत दस्तावेज देकर क्रिकेट खेलने को लेकर एफआइआर दर्ज कराई थी लेकिन पिछले साल भी ये दोनों खिलाडी अंडर-19 टीम से खेले थे। अब चेतन ने बीसीसीआइ के अधिकारी रत्नाकर शेट्टी को ईमेल करके इन दोनों खिलाडियो को दो अक्टूबर से पंजाब में होने वाले अंडर-19 मैच से खेलने से रोकने के लिए कहा है। शेट्टी ने भी इस पर सहमति जता दी लेकिन डीडीसीए का दूसरा गुट इसे साजिश बता रहा है। इसको लेकर डीडीसीए के खेल सचिव सुनील देव और संयुक्त सचिव बुधवार को पुलिस के अधिकारियों से भी मिले थे। सूत्रों के मुताबिक पुलिस अधिकारी ने इन खिलाड़ियों के खेलने पर कोई आपत्ति नहीं जताई है।
यही नहीं सुनील देव अब शेट्टी को ईमेल लिखकर ये बताने वाले है की अभी तक इन खिलाड़ियों के खिलाफ कुछ साबित नहीं हुआ है। इन्होंने पिछले साल भी दिल्ली से खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया था। वही दिनेश ने कहा कि दिल्ली का क्रिकेट इस हद तक गिर जाएगा की खिलाड़ियों को खेलने से रोकने के लिए यह सब किया जायेगा इसकी उम्मीद मुझे नहीं थी। इन अधिकारियों को खिलाडियो के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले ये सोचना किसी चाहिये की ये अपने चहेतो के खिलाफ कुछ क्यों नहीं करते है। ऐसे तो अभी डीडीसीए के एक सदस्य और बीसीसीआइ के अंपायर के खिलाफ एफआइआर हुई है तो उसको निकालने के लिए ये अधिकारी क्या बीसीसीआइ को कहेंगे।