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ओलंपिक में टीम इंडिया के खेलने पर रुख साफ करेगा बीसीसीआइ

विश्व कप के फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय महिला क्रिकेटरों की फीस बढ़ाने और उन्हें करार देने का मामला भी एजेंडे में है।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sun, 06 Aug 2017 09:53 AM (IST)Updated: Sun, 06 Aug 2017 11:06 AM (IST)
ओलंपिक में टीम इंडिया के खेलने पर रुख साफ करेगा बीसीसीआइ
ओलंपिक में टीम इंडिया के खेलने पर रुख साफ करेगा बीसीसीआइ

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। ओलंपिक में टीम इंडिया के शामिल होने पर बीसीसीआइ के पदाधिकारी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) बुधवार को दिल्ली में गहन मंत्रणा करेगी। हालांकि, इस पर सहमति बनने की संभावना कम ही है, क्योंकि बोर्ड के अधिकतर पदाधिकारी इसके खिलाफ हैं और उन्हें लगता है कि ओलंपिक में खेलने से उन्हें कोई राजस्व नहीं मिलने वाला। इससे उन्हें भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) की छतरी के नीचे भी आना पड़ेगा।

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ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने की मांग पहले भी होती रही है, लेकिन इसको कभी गंभीरता से नहीं लिया गया। अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद (आइओसी) इसे लेकर प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड बीसीसीआइ बुधवार को इस पर चर्चा करने जा रहा है। हालांकि, उसके पदाधिकारी नहीं चाहते कि उसकी स्वायत्ता पर कोई खतरा पैदा हो। इसके अलावा उसे राजस्व के मामले में भी कोई फायदा नहीं होने वाला है। उन्हें लगता है कि द्विपक्षीय सीरीज खेलने से उसे ज्यादा राजस्व मिलेगा।

आइओसी ने ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल करने के लिए आइसीसी से बड़ी टीमों और उसके खिलाड़ियों के खेलने का आश्वासन मांगा है। ऐसे में आइसीसी के लिए भारत के बिना एक कदम चलना भी मुश्किल है। आइसीसी के पास आइओसी को अपना फैसला बताने के लिए सितंबर तक का समय है, ताकि आगे की प्रक्रिया पूरी की जा सके। ऐसे में यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण और रोचक होने वाली है। बोर्ड सहमत होता है तो 2024 के ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल किया जा सकता है। इससे पहले 1900 में पेरिस ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल किया था। 2024 में पेरिस एक बार फिर ओलंपिक में क्रिकेट का वापसी स्थल बन सकता है। आइसीसी टी-20 प्रारूप में ओलंपिक में क्रिकेट आयोजित करना चाहता है।

आइपीएल-11 पर भी होगी चर्चा : बीसीसीआइ के पदाधिकारी ने बताया कि इस बैठक में कानूनी मामलों के अलावा क्रिकेट, वित्तीय और प्रबंधकीय मामलों पर भी चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि लोढ़ा समिति ने सिफारिश की थी कि टीम इंडिया की सीरीज और आइपीएल के बीच में 15 दिन का अंतराल होना चाहिए, लेकिन आइपीएल-10 का कार्यक्रम पहले से ही घोषित होने और उसके बाद आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी होने के कारण इस साल इसे लागू करना मुश्किल था। आइपीएल-11 में इसे लागू करने पर चर्चा होगी। अगले आइपीएल की तैयारियों को लेकर भी बातचीत होगी।

विश्व कप के फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय महिला क्रिकेटरों की फीस बढ़ाने और उन्हें करार देने का मामला भी एजेंडे में है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ और आंध्र प्रदेश क्रिकेट संघ को फंड जारी करने, मिजोरम पर बनी मान्यता समिति की रिपोर्ट, एक अगस्त को दौरा एवं कार्यक्रम समिति व तकनीकि समिति की हुई बैठक भी एजेंडे में है।

अंडर-19 व भारत ‘ए’ के टीम मैनेजरों के नाम पर भी मुहर लगेगी। बोर्ड के राज्य संघों का ऑडिट करने वाली संस्था डेलॉइट सीओए प्रमुख विनोद राय, सदस्य डायना इडुल्जी, बीसीसीआइ कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी व सीईओ राहुल जौहरी के समक्ष बोर्ड के ऑडिट का प्रजंटेशन देगी। डेलॉइट के राज्य संघों की ऑडिट की रिपोर्ट पर पहले कई घोटाले सामने आ चुके हैं। बैठक में हितों के टकराव और पीआर फर्म एडफैक्टर के करार के नवीनीकरण पर भी माथापच्ची होगी।

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