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अगले साल बदल जाएगा आइपीएल, नए रंग और क्लेवर के साथ बदल सकता है प्रसारणकर्ता

आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला की अध्यक्षता में होने वाली बैठक का मुख्य एजेंडा इस लीग के मीडिया अधिकार और आइपीएल का नया मुख्य प्रायोजक चुनने की प्रक्रिया शुरू करना है।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Wed, 26 Apr 2017 01:09 PM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2017 04:31 PM (IST)
अगले साल बदल जाएगा आइपीएल, नए रंग और क्लेवर के साथ बदल सकता है प्रसारणकर्ता
अगले साल बदल जाएगा आइपीएल, नए रंग और क्लेवर के साथ बदल सकता है प्रसारणकर्ता

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। पिछले 10 साल से चला आ रहा आइपीएल टूर्नामेंट अगले साल बदल जाएगा। नए सिरे से टीमें बनाई जाएंगी। खिलाड़ी बदलेंगें,  फ्रेंचाइजी नए खिलाड़ी और खिलाड़ी नई टीमों का चयन कर सकेंगे।इसी के साथ इस टूर्नामेंट के प्रसारणकर्ता भी बदल सकते हैं।  

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इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के 10वें संस्करण के बीच में ही उसके अगले प्रसारणकर्ता और प्रायोजक चुनने की तैयारी शुरू होने जा रही है। इसके लिए पांच मई को दिल्ली में आइपीएल संचालन परिषद की बैठक बुलाई गई है। आइपीएल मीडिया अधिकार से ही बीसीसीआइ को अगले दस साल में 18000 से 30000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।

आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला की अध्यक्षता में होने वाली बैठक का मुख्य एजेंडा इस लीग के मीडिया अधिकार और आइपीएल का नया मुख्य प्रायोजक चुनने की प्रक्रिया शुरू करना है। सोनी पिक्चर नेटवर्क इंडिया के साथ आइपीएल के दस साल के मीडिया राइट्स का करार लगभग 6700 करोड़ रुपये में हुआ था, जो इस साल खत्म हो जाएगा।

अनुराग ठाकुर के अध्यक्ष रहते बीसीसीआइ ने नए प्रसारणकर्ता को ढ़ूंढ़ने की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति ने उसके तत्कालीन अधिकारियों को अयोग्य मानते हुए उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। इसके बाद इस साल की शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट ने अध्यक्ष अनुराग और सचिव अजय शिर्के को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करने के कारण बर्खास्त कर दिया। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआइ के कामकाज के सुपरविजन के लिए विनोद राय की अध्यक्षता में प्रशासकों की समिति (सीओए) भी नियुक्त कर दी थी। तब से मामला ठंडे बस्ते में पड़ा था।

बीसीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पांच मई को दिल्ली में होने वाली बैठक में महीनों से रुकी इस प्रक्रिया को फिर से शुरू करने पर चर्चा होगी। इसके साथ ही आइपीएल का नया मुख्य प्रायोजक चुनने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, क्योंकि वर्तमान मुख्य प्रायोजक वीवो मोबाइल का करार भी इस साल खत्म हो रहा है। पेप्सी 2013 में पांच सालों के लिए आइपीएल का मुख्य प्रायोजक बना था और इसके लिए उसने 393.8 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग से हुई बदनामी के कारण उसने तीन साल में ही इस लीग से हटने का फैसला किया था। इसके बाद वीवो दो साल के लिए आइपीएल का प्रायोजक बना।

पेप्सी से पहले डीएलएफ ने शुरुआती पांच साल के लिए मुख्य प्रायोजक के तौर पर 200 करोड़ रुपये चुकाए थे। मुख्य प्रायोजक से भी बोर्ड को पांच साल के लिए 500 करोड़ रुपये से ज्यादा मिलने की उम्मीद है। बोर्ड के अधिकारी ने कहा कि इस बैठक में आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला के अलावा बीसीसीआइ के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी, सीईओ राहुल जौहरी, सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, सौरव गांगुली और पीवी शेट्टी शामिल होंगे। इसके अलावा सीओए को भी बैठक में शामिल होने का न्योता दिया गया है, क्योंकि बीसीसीआइ इसके लिए उनकी सहमति भी चाहता है।’

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