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बीसीसीआइ को मिला सचिन का समर्थन, लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर साधी चुप्‍पी

सचिन तेंदुलकर ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं समझा। लेकिन उन्होंने बोर्ड का समर्थन किया है।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sat, 03 Dec 2016 05:27 PM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2016 09:47 AM (IST)

नई दिल्ली। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं समझा। लेकिन भारत के इस पूर्व दिग्गज बल्लेबाज़ ने बोर्ड का खुलकर समर्थन किया है। तेंदुलकर ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला लंबित होने के कारण लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर प्रतिक्रिया देना ‘अनुचित होगा' लेकिन बीसीसीआइ का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि बोर्ड ने देश में खेल के लिए काफी कुछ किया है।

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तेंदुलकर ने कहा, ‘मेरा निजी अहसास है कि जब मैं बड़ा हो रहा था तो मुझे बीसीसीआइ से काफी समर्थन मिला। बीसीसीआइ और मुंबई क्रिकेट संघ ने काफी शिविरों का इंतजाम किया।'

इसके साथ ही भारत के इस पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि अगर टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के लिए रोचक बनाना है तो उसे और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने की जरूरत है। सचिन का मानना है कि उन्हें नहीं लगता कि टेस्ट क्रिकेट गर्द में जा रहा है। हालांकि उन्होंने इस बात को माना कि खेल के लंबे प्रारुप में दर्शकों की संख्या दिन ब दिन कम हो रही है।

सचिन ने टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ियों के बीच अच्छी और कड़ी प्रतिस्पर्धा की बात पर जोर दिया। उन्होंने सुनिल गावस्कर- इमरान खान, विवियन रिचर्ड्स-जैफ थॉमसन, स्टीव वॉ- कर्टली एम्ब्रोस के बीच पुरानी प्रतिस्पर्धा के उदाहरण दिए कहा कि टेस्ट क्रिकेट को रोचक बानने के लिए इसी तरह की प्रतिस्पर्धा की जरूरत ताकि दर्शक टेस्ट से बंधे रह सकें।

मैदान पर दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए सचिन ने कुछ सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि यह अजीब लग सकता है लेकिन टेस्ट क्रिकेट दो गेंदों कुकाबुरा और एसजी तथा दो पिचों पर खेला जा सकता है। सचिन ने कहा कि बदलाव के तौर पर टेस्ट मैच की एक पारी घास युक्त पिच पर खेली जाए और दूसरी पारी पाटा विकेट पर। उन्होंने साथ ही कहा कि अधिकारी लगातार दो श्रृंखला करा सकते हैं दो घर में और दो घर से बाहर।

भारत-इंग्लैंड के बीच खेली जा रही मौजूदा टेस्ट सीरीज़ पर इस दिग्गज बल्लेबाज ने विराट कोहली के नेतृत्व वाली टेस्ट टीम की जमकर सराहाना की है और इसे उस टीम के बराबर बताया है जिसमें ‘फेव-5’ होते थे। उन्होंने कहा कि टीम में सही संतुलन है और उसे सिर्फ सही मार्ग दर्शन की जरूरत है जोकि मुख्य कोच अनिल कुंबले दे रहे हैं।

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