कोच बनते ही शास्त्री ने गांगुली को दिखाई 'पावर', भरत अरुण बने गेंदबाजी कोच
भरत अरुण को गेंदबाजी कोच, संजय बांगर को बल्लेबाजी कोच और आर श्रीधर को फील्डिंग कोच बनाया गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री को आखिरकार अपने पसंदीदा स्टाफ को रखने की इजाजत मिल ही गई है। बीसीसीआइ ने मंगलवार दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि भरत अरुण को गेंदबाजी कोच, संजय बांगर को सहायक कोच और आर श्रीधर को फील्डिंग कोच बनाया गया है। इनकी नियुक्ति 2019 में होने वाले अगले विश्व कप तक के लिए की गई है।
BCCI has appointed Sanjay Bangar as the assistant coach and Bharat Arun as the bowling coach till next World Cup. pic.twitter.com/vgVO0PLmuz
— ANI (@ANI_news) July 18, 2017
इससे पहले कोच चुनने का कामकाज देख रही सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ की क्रिकेट सलाहकार समिति ने जहीर खान को गेंदबाजी सलाहकार और राहुल द्रविड़ को बल्लेबाजी सलाहकार चुना था। इन दोनों की ही नियुक्ति पर विवाद चल रहा था।
भरत अरुण की फाइल फोटो
मंगलवार को इस मामले पर हुई बैठक में रवि शास्त्री के सहयोगी स्टाफ को चुनने का फैसला लिया गया। इसकी अध्यक्षता राहुल जौहरी ने की और बैठक में सीके खन्ना, डायना इडुलजी और अमिताभ चौधरी शामिल हुए। रवि शास्त्री अपने तरीके से टीम को निर्देशित कर सकें, इसलिए उन्हें उनका स्टाफ रखने की छूट दी गई है।
इस बैठक से पहले सोमवार को शास्त्री ने बीसीसीआइ के सीईओ राहुल जौहरी और कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना से मुंबई में मुलाकात की थी।
Spoke to both individuals personally,they are fantastic cricketers, their inputs will be invaluable-Ravi Shastri on #ZaheerKhan #RahulDravid pic.twitter.com/sPRUYsZwO3— ANI (@ANI_news) July 18, 2017
हालांकि, इससे पहले 'विवादास्पद' तरीके से नियुक्ति हुए जहीर खान और राहुल द्रविड़ भी टीम के साथ बने रहेंगे। इसके संकेत इस बात से मिलते हैं कि रवि शास्त्री ने बताया कि उन्होंने राहुल द्रविड़ और जहीर खान से बात की है। शास्त्री ने इसके साथ ही कहा कि इन दोनों महान खिलाड़ियों के इनपुट से टीम को फायदा होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सौरव गांगुली नहीं चाहते थे कि शास्त्री कोच बनें, लेकिन जब वह ऐसा होने से नहीं रोक पाए तो उन्होंने गेंदबाजी सलाहकार के लिए जहीर खान और बल्लेबाजी सलाहकार के लिए राहुल द्रविड़ का नाम दे दिया था। माना जा रहा था कि गांगुली इन दोनों की मदद से शास्त्री की 'मनमानी' पर नियंत्रण कर लेंगे। हालांकि, कोच बनते ही शास्त्री ने अपने पसंदीदा स्टाफ को साथ में लाकर गांगुली को अपनी क्षमता से परिचित करा दिया है।