आइपीएल में दिखेगा अमेरिका का भी दम
भारत के जेवलिन थ्रोअर रिंकू सिंह 2008 में जब मिलियन डॉलर आर्म के विजेता बने थे, तो एक भारतीय का अमेरिका की प्रतिष्ठित पेशेवर बेसबॉल लीग में खेलने का सपना हकीकत में बदल गया था। अब इसी प्रतियोगिता के आयोजक अमेरिकी क्रिकेटरों का इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) में खेलने का
दुबई। भारत के जेवलिन थ्रोअर रिंकू सिंह 2008 में जब मिलियन डॉलर आर्म के विजेता बने थे, तो एक भारतीय का अमेरिका की प्रतिष्ठित पेशेवर बेसबॉल लीग में खेलने का सपना हकीकत में बदल गया था। अब इसी प्रतियोगिता के आयोजक अमेरिकी क्रिकेटरों का इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) में खेलने का सपना पूरा करना चाहते हैं।
खेल एजेंट जेबी बर्नस्टीन और उनके सहयोगी एश वासुदेवन ने बुधवार को 'मिलियन डॉलर बैट' कार्यक्रम की घोषणा की, जिससे बेसबॉल के बैटर्स को आइपीएल में खेलना का मौका मिलेगा। इस टूर्नामेंट को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) का भी समर्थन हासिल है और आइपीएल के मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) सुंदर रमन ने भी कहा है कि वह इस तरह की प्रतियोगिता का स्वागत करते हैं।
बर्नस्टीन ने कहा, 'जब हम भारत गए थे तो किसी ने बेसबॉल के बारे में नहीं सुना था। हमने 'अमेरिकन आइडल' के प्रारूप को अपनाया और माइक की जगह बेसबॉल को लिया। हमने कहा कि मुझे ऐसा लड़का दिखाओ जो तेजी से थ्रो कर सकता हो और मैं उसे सिखाऊंगा कि कैसे पिच करायी जाती है। ङ्क्षरकू ने तब 88 मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से थ्रो किया था और उसके साथ प्रतिभाशाली दिनेश पटेल था और बाद में जो हुआ वह इतिहास है। अब हम फिर से ऐसा करना चाहते हैं लेकिन इस बार क्रिकेट में।
बर्नस्टीन ने कहा कि हम कई पेशेवर बेसबॉल खिलाडिय़ों से बात कर रहे हैं। क्रिकेट और बेसबॉल में हाथ और आंखों का तालमेल बहुत अहम होता है और मुझे पूरा विश्वास है कि हम अमेरिका मे जन्मे आइपीएल स्टार की खोज करने में सफल रहेंगे।