Move to Jagran APP

आइपीएल इतिहास का सबसे रोमांचक फाइनल

आइपीएल 2016 का खिताब उसी टीम ने जीता, जो इसकी हकदार थी। डेविड वार्नर ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और फाइनल में अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन किया। कुछ निराशाओं के बावजूद उनका फोकस बिल्कुल भी नहीं हटा और वह पूरी तरह से ट्रॉफी जीतने के प्रति प्रतिबद्ध रहे। कप्तान

By sanjay savernEdited By: Published: Mon, 30 May 2016 06:30 PM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 06:34 PM (IST)
आइपीएल इतिहास का सबसे रोमांचक फाइनल

(गावस्कर का कॉलम)

loksabha election banner

आइपीएल 2016 का खिताब उसी टीम ने जीता, जो इसकी हकदार थी। डेविड वार्नर ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और फाइनल में अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन किया। कुछ निराशाओं के बावजूद उनका फोकस बिल्कुल भी नहीं हटा और वह पूरी तरह से ट्रॉफी जीतने के प्रति प्रतिबद्ध रहे। कप्तान वार्नर की बल्लेबाजी और फील्डिंग शानदार रही और इसी से टीम खिताब जीतने में कामयाब हो पाई। जबकि दूसरों से उन्हें बहुत ज्यादा मदद नहीं मिली। गेंदबाजी में जरूर उन्हें आशीष नेहरा और पर्पल कैप विजेता भुवनेश्वर कुमार से सहयोग मिला। दुर्भाग्य से नेहरा बीच में ही चोटिल हो गए, लेकिन इसके बाद मुस्ताफिजुर ने कमान संभाली। 'फिज' नाम से पुकारे जाने वाले इस गेंदबाज ने शानदार यॉर्कर डाली और उनके साथ रहते हुए भुवनेश्वर ने भी ऐसा करना सीखा। यहां तक कि टूर्नामेंट के अंत तक वह बांग्लादेशी गेंदबाज से ज्यादा बेहतर यॉर्कर फेंकने लगे। कुछ कैच छूटने के मामलों को छोड़कर हैदराबाद की फील्डिंग भी अच्छी रही।

जब कोई टीम फाइनल में 200 से ज्यादा का स्कोर बनाती है, तो उन्हें हराना बेहद मुश्किल हो जाता है। लेकिन क्रिस गेल और विराट कोहली ने शतकीय साझेदारी कर इस काम को बहुत आसान बना दिया था। जब यह लगने लगा था कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर की टीम कुछ ओवर पहले ही मैच जीत लेगी, बेन कटिंग ने धीमी लेग कटर से गेल को आउट कर दिया। इससे पहले बल्लेबाजी करते हुए उनकी आतिशी पारी की बदौलत ही हैदराबाद 200 के पार स्कोर को पहुंचा पाया था। इसके बावजूद बेंगलूर के हाथ में मैच था, क्योंकि क्रीज पर कोहली और एबी डीविलियर्स थे। लेकिन कोहली एक ओवर में 12 रन बनाने के बावजूद थोड़ी लापरवाही कर गए और इसके बाद डीविलियर्स भी आउट हो गए। इससे बेंगलूर पर फिर से दबाव आ गया। दुर्भाग्य से युवा सरफराज को पिछले कुछ मैचों से बाहर रखा गया। ऐसी स्थिति में उनसे बेहतर बल्लेबाज कोई और साबित नहीं हो सकता था। बेंगलूर ने मैच में 11 वाइड गेंद भी फेंकी, जबकि सनराइजर्स ने सिर्फ चार वाइड कीं। यही सात रन मैच में जीत और हार का अंतर बने।

खैर चाहे जो भी हो, लेकिन आइपीएल के इतिहास का यह सबसे रोमांचक फाइनल था। इसका सभी ने लुत्फ उठाया। दोनों ही टीमें हार मानने को तैयार नहीं थीं। आप कह सकते हैं कि इस मुकाबले में तकनीकी रूप से सनराइजर्स की विजय हुई, लेकिन बेंगलूर ने भी अंत तक हार नहीं मानी।

क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

खेल की खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.