सफलता का मंत्र साबित हो सकता है सही टीम संयोजन
दोनों ही टीमों के लिए यह 'करो या मरो' का मुकाबला होगा। भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा मुकाबला होगा। पहला मुकाबला ब्रिस्बेन में खेला गया था, जबकि दूसरा शुक्रवार को पर्थ पर खेला जाएगा। यहां यह जिक्र करना जरूरी है कि दोनों ही विकेट ऑस्ट्रेलिया के सबसे तेज विकेटों
(गांगुली का कॉलम)
दोनों ही टीमों के लिए यह 'करो या मरो' का मुकाबला होगा। भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा मुकाबला होगा। पहला मुकाबला ब्रिस्बेन में खेला गया था, जबकि दूसरा शुक्रवार को पर्थ पर खेला जाएगा। यहां यह जिक्र करना जरूरी है कि दोनों ही विकेट ऑस्ट्रेलिया के सबसे तेज विकेटों में शामिल हैं। ऐसे में यहां सही टीम संयोजन सफलता का मंत्र साबित हो सकता है। वाका की पिच ब्रिस्बेन के मुकाबले ज्यादा तेज और उछाल भरी होगी और भारत को ब्रिस्बेन में खेले गए मैच को भुलाकर नई शुरुआत करने की जरूरत है। गाबा पर इंग्लिश गेंदबाजों के सामने भारतीय बल्लेबाजी क्रम चल नहीं पाया था और एक बार फिर इंग्लैंड की टीम इस बात को लेकर उत्साहित होगी कि वाका की पिच भारत के मुकाबले उनके ज्यादा मुफीद होगी।
भारत के मैच से पहले कुछ फैसले लेने होंगे। क्या शिखर धवन को सलामी बल्लेबाज के तौर पर लिया जाए या फिर किसी नये बल्लेबाज को मौका दिया जाए? रोहित शर्मा की चोट की वजह से धवन को अंतिम एकादश में बनाए रखना टीम की मजबूरी हो गई है। धवन की बुरे फॉर्म का मामला अब ज्यादा तकनीकी मसला नजर आ रहा है और उन्हें ही इससे बाहर निकलने का रास्ता खुद तलाशना होगा। वाका की पिच पर भारतीय बल्लेबाजों का शॉट चयन भी अलग होना चाहिए।
संयोजन के मामले में भारत को स्टुअर्ट बिन्नी समेत तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरना चाहिए। इससे विश्व कप से पहले रवींद्र जडेजा की फिटनेस और फॉर्म को परखने का भारत को मौका मिलेगा। यदि मैं टीम प्रबंधन में होता तो मैच का महत्व जानते हुए भी मुहम्मद शमी और उमेश यादव को आराम देता।