हर मैच के साथ बेहतर हो रही है पुणे की टीम
पुणे ने जो नतीजे हासिल किए उनसे उसकी प्लेऑफ के लिए मिलीजुली संभावना बनी हुई हैं।
(शास्त्री का कॉलम)
पुणे अपने खिलाडिय़ों की वजह से बेहतर टीम है। पिछले कुछ महीनों में अजिंक्य रहाणे को बहुत कुछ करना पड़ा है। एमएस धौनी ने शायद कुछ कम किया है। फाफ डुप्लेसिस का लगभग इस्तेमाल ही नहीं किया गया है। फिर भी पुणे ने जो नतीजे हासिल किए उनसे उसकी प्लेऑफ के लिए मिलीजुली संभावना बनी हुई हैं।
पुणे एक ऐसी टीम है जिसके सुपरस्टार खिलाडिय़ों ने इस आइपीएल में कम से कम एक बार अपना प्रभुत्व दिखाया है। स्टीव स्मिथ ने ऐसा शुरू में किया था। धौनी ने एक बार फिर अपने आप को बेहतर फिनिशर के रूप में स्थापित किया और बेन स्टोक्स ने सोमवार रात अपनी ऊंची कीमत अदा की। प्रत्यक्ष रूप से उनकी मौजूदगी से राहुल त्रिपाठी और शार्दुल ठाकुर जैसे युवाओं पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
पुणे की टीम ने अब लय हासिल कर ली है। वह हर एक मैच के साथ बेहतर हो रही है। तेजी से आगे बढ़ रही कोलकाता नाइटराइडर्स जैसी टीम के खिलाफ इस तरह का नजरिया अनमोल है। गौतम गंभीर के खिलाडिय़ों को ज्यादातर मैच जीतने में पसीना नहीं बहाना पड़ा है। पुणे के पास उनके इस आत्मविश्वास में दरार डालने के लिए पर्याप्त खिलाड़ी हैं।
एक अन्य दिन डेविड वार्नर ने भी शानदार पारी खेलकर अपने चाहने वालों को उत्साहित होने का मौका दिया। वह कोलकाता पर अकेले ही भारी पड़े। उन्होंने कोलकाता के स्पिनरों की पूरी रणनीति को गलत साबित कर दिया, जिससे कोलकाता ने अपना आत्मविश्वास खो दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए उसके सलामी बल्लेबाज गलत शॉट खेलकर आउट हुए और टीम के लिए रनरेट पहाड़ की तरह बढ़ता चला गया।
कोलकाता एक ऐसी टीम है जिसे सिर्फ अलग सोच के साथ ही हराया जा सकता है। गंभीर हमेशा अपने आक्रामक गेंदबाजों को आक्रामक क्षेत्ररक्षण देते हैं। यहां तक कि जब वार्नर तूफान मचा रहे थे तब ऐसा भी मौका आया जब उन्होंने बाउंड्री पर उनके लिए कोई क्षेत्ररक्षक नहीं लगा रखा था। पुणे को अवश्य यह चुनौती स्वीकार करनी चाहिए और ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए।
ऐसा नहीं है कि पुणे ने इस सत्र में ऐसा नहीं किया है। उन्होंने मुंबई इंडियंस पर इस आइपीएल में एक बार नहीं, बल्कि दो बार लगाम कसी है। लेकिन, ईडन गार्डेंस में यह कुछ बड़ी चुनौती हो सकती है। उनका लक्ष्य आर या पार होना चाहिए।