किस्मत भी हमारा साथ नहीं दे रही
हम अच्छी यादों के साथ दिल्ली से नहीं लौटे। 191 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए लिंडल और पार्थिव ने हमें अच्छी शुरुआत दिलाई, लेकिन हम उसका फायदा नहीं उठा सके और अंतत: हम हफ्ते की शुरुआत में बेंगलुरु पर मिली उत्साहजनक जीत से मिली लय को बरकरार रखने
(रोहित का कॉलम)
हम अच्छी यादों के साथ दिल्ली से नहीं लौटे। 191 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए लिंडल और पार्थिव ने हमें अच्छी शुरुआत दिलाई, लेकिन हम उसका फायदा नहीं उठा सके और अंतत: हम हफ्ते की शुरुआत में बेंगलुरु पर मिली उत्साहजनक जीत से मिली लय को बरकरार रखने में नाकाम रहे। जब आप बड़े लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हैं तो फिर वहां किसी रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं होती है। जरूरत होती है तो सिर्फ विकेट बचाकर रनगति को बरकरार रखने की। हम ऐसा करने में नाकाम रहे।
मैंने एक बात नोटिस की है, वह यह कि जब भी सिक्का हमारे पक्ष में गिरा है, हमने मैच गंवाया है। केवल एक बार हम टॉस हारे और वह मुकाबला हम जीतने में सफल रहे। यह इत्तेफाक ही है। हकीकत में मुझसे पूछा जाए तो मैं किसी भी मामले में टॉस को ज्यादा अहमियत नहीं दूंगा। आखिर टॉस नहीं आपका क्रिकेट कौशल ही आपको जीत दिलाता है।
किस्मत भी हमारा साथ नहीं दे रही है। एरोन फिंच के चोटिल होने के बाद अब कोरी एंडरसन भी पूरे सत्र के लिए बाहर हो गए हैं। वह जिस फॉर्म में थे उसे नजरअंदाज करते हुए यदि मैं यह कहूं कि हम इसकी भरपाई कर लेंगे, तो यह झूठ होगा। ऐसे झटके के बाद सबसे बड़ी चुनौती आपके सामने दोबारा सही टीम संयोजन तैयार करने की होती है। लेकिन हम इसे एक मौके के रूप में लेंगे। इसी उम्मीद में कि टीम में जो दूसरा विदेशी खिलाड़ी आए, वह अपनी चमक बिखेर दे।
मैं ऐसी परिस्थिति का सामना नहीं करना चाहूंगा, जहां अगले दौर में जगह बनाने के लिए अपने बाकी बचे सारे मैच जीतने की बाध्यता हमारे सामने हो। इससे बचने के लिए हमें अपने लक्ष्य को टुकड़ों में बांटना होगा और इसकी शुरुआत सनराइजर्स हैदराबाद से करनी होगी। ईमानदारी से कहूं तो फिलहाल मेरा सारा ध्यान अपनी टीम की कमजोरियों को सुधारने पर है। बदकिस्मती से हम एक ही गलती को बार-बार दोहरा रहे हैं। प्रत्येक खिलाड़ी, जिसमें मैं भी शामिल हूं, को अपने अंदर झांकना होगा और बार-बार हो रही गलती की वजह को समझना होगा।