आइपीएल की टीमें राज्य की टीमें नहीं
सनराइजर्स पर राजस्थान की जीत में धवल कुलकर्णी और प्रवीण तांबे के शानदार प्रदर्शन की अहम भूमिका को देखकर मुंबई इंडियंस के चेहरे पर टेढ़ी मुस्कान आई होगी, आखिरकार ये दो मुंबई के ही खिलाड़ी हैं। मुंबई के ही एक और खिलाड़ी अजिंक्य रहाणे की दबाव में शानदार पारी ने
(शास्त्री का कॉलम)
सनराइजर्स पर राजस्थान की जीत में धवल कुलकर्णी और प्रवीण तांबे के शानदार प्रदर्शन की अहम भूमिका को देखकर मुंबई इंडियंस के चेहरे पर टेढ़ी मुस्कान आई होगी, आखिरकार ये दो मुंबई के ही खिलाड़ी हैं। मुंबई के ही एक और खिलाड़ी अजिंक्य रहाणे की दबाव में शानदार पारी ने उनका ध्यान आकर्षित किया होगा।
आइपीएल की टीमें राज्य की टीमें नहीं हैं, ऐसे में प्रतिभा का इधर-उधर जाना सामान्य बात है। किंग्स इलेवन पंजाब की टीम को ही देख लीजिए जो युवराज सिंह के लिए ज्यादा पैसे देने में नाकाम रही। कोलकाता नाइटराइडर्स ने गौतम गंभीर को जोडऩे के लिए अपनी जेब ढीली की। जबकि आरसीबी ने दिल्ली के सितारे विराट कोहली को जोड़ा।
यहां केवल पैसा ही वजह नहीं है। कुछ युवा खिलाडिय़ों के लिए घरेलू टीम ने नीलामी में बोली नहीं लगाई। वे उनकी टीम संयोजन का हिस्सा नहीं थे। यहां पैसे की कोई बात नहीं थी। बात थी विश्वास के कम होने की और इस कारण ही कुलकर्णी और तांबे अन्य टीमों में चले गए।
राजस्थान रॉयल्स ज्यादा ऊंची उड़ान नहीं भरता है और जमीन के आस-पास ही रहता है और उन प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को खुद से जोड़ता है, जिन्हें घरेलू टीम ने तवज्जो नहीं दिया। आज राजस्थान की टीम ने अपने चार में से चार मैच जीते हैं। चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ भी कुछ ऐसा ही है, घरेलू खिलाड़ी यहां भी कम ही नजर आते हैं। टीम में खेलने वाले ज्यादातर खिलाड़ी अपने देश के लिए खेलते हैं। कुछ सत्र पहले अश्विन और जडेजा इतने बड़े सितारे नहीं हुआ करते थे। फ्रेंचाइजी से जुड़े मोहित शर्मा भी अब राष्ट्रीय टीम में पहुंच चुके हैं।
शनिवार को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ होने वाले मैच में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम घरेलू प्रतिभा के बगैर मैदान पर उतरेगी। अंतिम एकादश में दिल्ली का कोई भी खिलाड़ी नहीं होगा। वहीं विपक्षी टीम में शिखर धवन और इशांत शर्मा नाम के दो दिल्ली के खिलाड़ी होंगे। ये दोनों ही टीमें स्टार खिलाडिय़ों से सजी हैं, लेकिन ज्यादातर विदेशी। इनकी टक्कर रोमांचक होगी।