जीत की राह पर लौटना चाहेगी टीम इंडिया: गावस्कर
भारतीय टीम जानती है कि त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में जगह बनाने की दौड़ में बने रहने के लिए उसे मंगलवार को अपने दूसरे वनडे मैच में इंग्लैंड को हराना जरूरी है। बेशक, इस मैच के बाद उसके दो मैच और बाकी होंगे, लेकिन यदि वे गाबा में इंग्लैंड से
(गावस्कर का कॉलम)
भारतीय टीम जानती है कि त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में जगह बनाने की दौड़ में बने रहने के लिए उसे मंगलवार को अपने दूसरे वनडे मैच में इंग्लैंड को हराना जरूरी है। बेशक, इस मैच के बाद उसके दो मैच और बाकी होंगे, लेकिन यदि वे गाबा में इंग्लैंड से हारते हैं तो उनकी राह बहुत मुश्किल हो जाएगी। क्रिकेट आत्मविश्वास का खेल है और यदि इंग्लैंड यहां जीत जाता है तो फिर भारत के खिलाफ अगली भिड़ंत में वे ऊंचे मनोबल के साथ मैदान पर उतरेंगे। उनके कप्तान इयोन मोर्गन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उत्कृष्ट पारी खेलते हुए शतक जड़ा था, लेकिन भारत की ही तरह इंग्लैंड भी ऑस्ट्रेलिया के समक्ष मजबूत स्कोर खड़ा करने में नाकाम रहा था।
टी-20 क्रिकेट का प्रभाव इतना बढ़ गया है कि जब तक कोई टीम 300 के ऊपर रन नहीं बना लेती है, वह लक्ष्य का बचाव करने में संघर्ष करती नजर आती है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा स्कोर किया, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम बहुत लंबा है। इस वजह से लक्ष्य का पीछा करते हुए वे कभी भी मुश्किल में नजर नहीं आए और एक ओवर शेष रहते ही लक्ष्य हासिल कर लिया। रोहित शर्मा ने सही मायने में कुछ लुभावने शॉट खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया की धरती पर अपना पहला शतक लगाया। सुरेश रैना, जोकि एक शानदार वनडे खिलाड़ी हैं, के अलावा रोहित को दूसरे छोर से किसी और बल्लेबाज का साथ नहीं मिला, जिस कारण भारत का स्कोर 300 के ऊपर नहीं जा सका। जब रोहित और रैना क्रीज पर थे तब भारत का स्कोर आसानी से 300 रन के ऊपर जाता दिख रहा था। लेकिन रैना के जाने के बाद टीम की लय टूट गई। धौनी अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते नजर आए, लेकिन टेस्ट से अचानक संन्यास लेने के बाद वह भी बल्लेबाजी के दौरान सहज नजर नहीं आए।
खुशकिस्मती से विश्व कप की शुरुआत से पहले भारत को तीन या फिर चार मैच खेलने को मिलेंगे और उसके बाद कुछ अभ्यास मैच भी हैं। ऐसे में हम यही उम्मीद कर रहे हैं कि धौनी सहित धवन, रहाणे जैसे अन्य खिलाड़ी भी अपनी लय हासिल करने में सफल रहेंगे। यह अच्छा है कि टीम प्रबंधन धवन पर भरोसा जता रहा है, लेकिन यहां धवन के लिए यह जरूरी है कि वह मैदान पर थोड़ा संयम दिखाएं, इससे उन्हें अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में सहायता मिलेगी। सफेद गेंद छह-सात ओवरों के बाद मूव करना बंद कर देती है, ऐसे में धवन को शुरुआत में अपने शॉट के चयन को लेकर बहुत सतर्कता बरतने की जरूरत है। एक बार वह इस शुरुआती मुश्किल को झेल लेते हैं तो फिर उनमें इतनी काबिलियत है कि वह अपने लाजवाब शॉट्स के माध्यम से विपक्षी टीम से मैच दूर ले जा सकते हैं।
भारतीय गेंदबाजों को भी हर वक्त तैयार रहने की जरूरत है। ऐसा न हो कि हर बार वह गेंदबाजी आक्रमण पर लगाए जाने के बाद तीन-चार गेंद खुद की लय हासिल करने में ही जाया कर दें। यदि भारत ब्रिस्बेन में जीतता है तो फिर मुहम्मद शमी को टूर्नामेंट के फाइनल से पहले आराम दिए जाने की संभावना बनती है, जो कि शायद घुटने या हैमस्टि्रंग की समस्या से जूझ रहे हैं।
भारत ने पिछला मुकाबला भले ही गंवा दिया हो, लेकिन खिलाडि़यों के खेल से यह जाहिर हुआ कि यदि किस्मत ने उनका थोड़ा भी साथ दिया तो वे बहुत तेजी से मैच का रुख बदलने का हुनर रखते हैं।