कंफर्ट जोन से बाहर आए दिल्ली
जहीर खान उन्हें एक ढाल के रूप में लक्ष्य का पीछा करने के दबाव से मुक्त रखना चाहते हैं।
(रवि शास्त्री का कॉलम)
सनराइजर्स हैदराबाद को अपने बल्लेबाजों से और ज्यादा रनों की जरूरत होगी। बेशक डेविड वार्नर शानदार फॉर्म में हैं और उनका संकल्प सराहनीय है। धवन और युवराज को और ज्यादा निरंतरता की जरूरत है और उन्हें शिकार के लिए बूढ़े शेर की तरह नजर नहीं आना चाहिए।
मोइसेस हेनरिक्स काफी प्रभावकारी हैं और अपनी लय में हैं, लेकिन अत्यंत अहम मौकों पर नहीं। बाकी सभी समूहगान के दौरान प्रमुख गायक के साथ उसके साथी की तरह लग रहे हैं। ये सब एक ऐसी टीम के संकेत हैं जो लक्ष्य निर्धारित करने के बजाय उसका पीछा करना पसंद करेगी।
ज्यादातर टीमें रात के मैच में लक्ष्य का पीछा करना पसंद करती हैं। गेंद रोशनी के नीचे बेहतर आती है। चमक की वजह से दूर खड़े क्षेत्ररक्षण कई बार गलतियां कर बैठते हैं। एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में आप ज्यादा महत्वाकांक्षी होकर असफल नहीं होना चाहते हो और अपनी गति बनाए रखते हो।
युवा भारतीय बल्लेबाजों से सजी दिल्ली डेयरडेविल्स हालांकि उल्टा रास्ता पसंद करती है। जहीर खान उन्हें एक ढाल के रूप में लक्ष्य का पीछा करने के दबाव से मुक्त रखना चाहते हैं। ज्यादातर लक्ष्यों की रक्षा करने के लिए वह अपने गेंदबाजों का हौसला बढ़ाते हैं। हालांकि, मैं चाहूंगा कि हैदराबाद के खिलाफ दिल्ली अपने कंफर्ट जोन से बाहर आए। उप्पल में बाद में बल्लेबाजी करना बेहतर है।
हैदराबाद भी अपनी गेंदबाजी को लेकर कुछ अनिश्चित होगा। भुवी और राशिद खान विकेट ले रहे हैं, लेकिन मुस्तफिजुर रहमान की वापसी अच्छी नहीं हुई। यही वजह थी कि बरिंदर सरां को मौका मिला। आशीष नेहरा कम रन दे रहे हैं। युवराज सिंह ने पांच मैचों में अभी तक गेंदबाजी नहीं की।
दोनों टीमों के मुकाबले में पंत बनाम राशिद दिलचस्प पहलू होगा। ऐसा ही फॉर्म में चल रहे संजू सैमसन और भुवी के बीच होगा। मैं इस बात को लेकर काफी उत्सुक हूं कि केन विलियमसन को हैदराबाद के लिए इस सत्र का पहला मैच खेलने को मिले।
(टीसीएम)