गेंदबाजों को भी बल्लेबाजी में करना चाहिए सुधार
भले ही ढाका में खेले जा रहे एकमात्र टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाज असहाय बांग्लादेशी गेंदबाजों के खिलाफ जमकर रन बनाए, लेकिन ऑस्ट्रेलिया अपने प्रदर्शन से दिखा रहा है कि वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है। ऐसा लग रहा है कि न्यूजीलैंड के आक्रामक क्रिकेट को देखकर इंग्लैंड ने भी
(गावस्कर का कॉलम)
भले ही ढाका में खेले जा रहे एकमात्र टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाज असहाय बांग्लादेशी गेंदबाजों के खिलाफ जमकर रन बनाए, लेकिन ऑस्ट्रेलिया अपने प्रदर्शन से दिखा रहा है कि वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है। ऐसा लग रहा है कि न्यूजीलैंड के आक्रामक क्रिकेट को देखकर इंग्लैंड ने भी कुछ सीखा है और इसी प्रक्रिया में उन्होंने वनडे क्रिकेट में पहली बार 400 का आंकड़ा पार किया। इंग्लैंड की बल्लेबाजी देख कुछ विशेषज्ञों ने अभी से ही भविष्यवाणी कर दी है कि 2019 में इंग्लैंड अपनी मेजबानी में भारत और ऑस्ट्रेलिया की तरह ही विश्व कप जीतेगा।
ऑस्ट्रेलिया पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में थोड़ी मुश्किल में दिख रही थी। उनके गेंदबाजों ने वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को सस्ते में आउट कर दिया था, लेकिन बाद में टीम में वापसी करने वाले देवेंद्र बीशू ने उनके बल्लेबाजों को अपने स्पिन के जाल में फंसा दिया। हालांकि निचले क्रम में एडम वोग्स ने पारी को कुछ हद तक संभाला, जिसकी वजह से उन्हें पहली पारी में बढ़त हासिल हो सकी। उन्होंने यह भी सुनिश्चित कर दिया कि ऑस्ट्रेलिया को चौथी पारी में ज्यादा रनों का पीछा नहीं करना पड़ेगा।
यहां यह साफ हुआ कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज भी अपना विकेट आसानी से नहीं फेंकते, खासतौर से अगर दूसरे छोर पर एक विशेषज्ञ बल्लेबाज हो। वे टिके रहने की कोशिश करते हैं और विपक्षी गेंदबाजों के लिए मुश्किलें पैदा करते हैं। इससे न सिर्फ विपक्षी टीम हताश होती है बल्कि वे हार भी मानने लगते हैं, वेस्टइंडीज के साथ दूसरी पारी में ऐसा ही हुआ। अगर भारतीय गेंदबाज भी बल्लेबाजी के दौरान इस एप्रोच को अपना लें, तो वे टीम के लिए ज्यादा अच्छे ढंग से सेवा कर सकेंगे।