विराट कोहली ने भरी हुंकार, ऑस्ट्रेलिया ने किया ऐसा तो देंगे करारा जवाब
विराट कोहली ने कहा कि हम शुरुआत नहीं करेंगे, लेकिन अगर हमें उकसाया जाएगा तो हम चुपचाप भी नहीं बैठेंगे।
पुणे, जेएनएन। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भले ही अपनी आक्रामकता को कम कर दिया हो, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की तरफ से होने वाली स्लेजिंग को लेकर उनके विचार साफ हैं। उन्होंने कहा कि हम शुरुआत नहीं करेंगे, लेकिन अगर हमें उकसाया जाएगा तो हम चुपचाप भी नहीं बैठेंगे।
कोहली ने कहा कि इंग्लैंड को राजकोट टेस्ट में हमने जीत से रोका था। इसके बाद हमने चार टेस्ट मैच जीते। टीम बढ़े मनोबल के साथ उतरेगी। हम ऑस्ट्रेलियाई टीम के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहे हैं, हमारा पूरा ध्यान इस बात पर है कि हमें अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन करना है। हम सिर्फ अच्छा खेलना चाहते हैं। वैसे कंगारू टीम की ताकत और कमजोरी के बारे में हमें पता है और हमने अपनी योजना तैयार कर ली है।
कप्तानी का आकलन नहीं करता :
अपनी कप्तानी के बारे में उन्होंने कहा कि मैं हर सीरीज के बाद खुद का आकलन नहीं करता। शायद पांच से आठ साल बाद मैं कप्तान के रूप में अपना मूल्यांकन कर पाऊंगा, अगर मैं इतने समय तक कप्तान रहा तो। यह मेरे लिए काफी जल्दी है कि मैं बैठकर मूल्यांकन करूं कि मैंने अच्छा किया है या नहीं। कप्तानी आपको किसी भी समय आत्ममुग्ध नहीं होने देती विशेषकर जब बल्ला आपके हाथ में हो और आप सिर्फ यही करते हो। मेरी प्राथमिकता यह रहती है कि मैं टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करूं और टीम भी बेहतर क्रिकेट खेले। मैं कप्तानी के बारे में ज्यादा नहीं सोचता हूं। यदि टीम जीतती है तो कप्तानी अच्छी मानी जाती है।
कुंबले ने मेरी आक्रामकता को किया नियंत्रित :
कोहली ने अपनी नैसर्गिक आक्रामकता को नियंत्रित करने और क्रिकेटर तथा व्यक्ति के रूप में उनके विकास में मदद का श्रेय कोच अनिल कुंबले को दिया। कोहली ने कहा कि मैं पहले ही इन चीजों पर लगातार काम कर रहा था। मैं अपनी गलतियों से सीखना चाहता था और व्यक्ति के रूप में विकास करना चाहता था। अनिल भाई ने अपने अनुभव से इसे कहीं बेहतर तरीके से नियंत्रित किया। वह भी काफी आक्रामक खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें पता है कि इसका कब इस्तेमाल करना है और कैसे इसे नियंत्रित करना है इसलिए इस पहलू में उन्होंने मेरी थोड़ी मदद की।
धीमा होगा विकेट :
कोहली ने उम्मीद जताई कि यहां की पिच सूखी होगी। हमने यहां जो वनडे मैच खेला था उसमें भी विकेट अंदर से सूखा था। यहां साल के इस समय जब गर्मियां शुरू हो जाती हैं तो विकेट धीमा और नीचा हो जाता है। हम उम्मीद करते हैं कि यह दूसरे, तीसरे दिन से स्पिन लेगी।
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स्टार्क विश्वस्तरीय गेंदबाज :
भारतीय कप्तान ने ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ मिशेल स्टार्क को विश्व स्तरीय गेंदबाज करार दिया। उन्होंने कहा कि मैं आइपीएल में उनके साथ खेला हूं। मैंने ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले दौरे पर उनका सामना किया है। तब से अब तक काफी बदलाव आया है। उन्होंने रिवर्स स्विंग और पुरानी गेंद से गेंदबाजी की कला सीख ली है।
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